Pakistan Afghanistan War: कभी एक-दूसरे के सहयोगी रहे पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते अब खाई के दोनों किनारों पर खड़े दिख रहे हैं। जो देश कभी साथ बैठकर क्रिकेट की रणनीति पर बातें करते थे, अब गोलियों और धमाकों के साए में एक-दूसरे पर निशाने साध रहे हैं। शुक्रवार की रात पक्तिका प्रांत के उरगुन जिले में तब चीख-पुकार मच गई, जब सीजफायर के बीच पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा में एयरस्ट्राइक की। इस हमले में कई लोगों की जान चली गई और पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। (Pakistan Afghanistan War) लेकिन सबसे ज्यादा दर्दनाक खबर तब आई जब यह पता चला कि हमले में कुल 10 लोग मारे गए गए और मरने वालों में तीन स्थानीय क्रिकेटर भी शामिल हैं। इनमें नाम कबीर, सिबगतुल्लाह और हारून है।
Pakistan Afghanistan War: उरगुन की मिट्टी में दफन हुए तीन सपने
ये तीनों युवा खिलाड़ी अपने इलाके के उभरते सितारे थे। कुछ ही घंटे पहले वे शाराना में एक दोस्ताना क्रिकेट मैच खेलकर लौटे थे। कोई नहीं जानता था कि वापसी का यह सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा। (Pakistan Afghanistan War) स्थानीय लोगों का कहना है कि इन खिलाड़ियों का सपना था अफगानिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच खेलना। लेकिन पाकिस्तान के हमले ने उनके सपनों को हमेशा के लिए खामोश कर दिया।
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का शोक और आक्रोश
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। (Pakistan Afghanistan War) बोर्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “हम उरगुन जिले के बहादुर क्रिकेटरों कबीर, सिबगतुल्लाह और हारून की दुखद शहादत पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं। इन्हें पाकिस्तानी शासन द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले में निशाना बनाया गया।”
बोर्ड ने कहा कि यह हमला न सिर्फ अफगानिस्तान के खेल समुदाय पर बल्कि पूरे देश के मनोबल पर एक गहरा घाव है।
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ट्राई सीरीज से अफगानिस्तान का नाम वापसी
इस घटना के बाद अफगानिस्तान ने बड़ा और सख्त फैसला लिया। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान में होने वाली ट्राई सीरीज से अपना नाम वापस ले लिया है। (Pakistan Afghanistan War) यह सीरीज पाकिस्तान, श्रीलंका और अफगानिस्तान के बीच खेली जानी थी। ACB ने कहा कि जब तक निर्दोष नागरिकों पर हमले जारी रहेंगे, अफगानिस्तान किसी भी खेल आयोजन में पाकिस्तान के साथ भाग नहीं लेगा।
यह फैसला पाकिस्तान के लिए खेल के मैदान में एक बड़ा झटका है। जो सीरीज रावलपिंडी और लाहौर के मैदानों पर होने वाली थी, अब उसके आयोजन पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
खेल में राजनीति की गूंज
खेल को हमेशा सीमाओं से परे माना जाता है, लेकिन जब गोलियां और बम मैदान की मिट्टी में गूंजते हैं, तो खेल भी राजनीति की आग में झुलस जाता है। (Pakistan Afghanistan War) अफगानिस्तान का यह फैसला सिर्फ एक खेली घोषणा नहीं, बल्कि एक सख्त संदेश है कि जब तक शांति नहीं, तब तक क्रिकेट नहीं।