
NATO Chief: नाटो चीफ मार्क रुट के मोदी और पुतिन वाले बयान के बाद भारत ने प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद अब नाटो चीफ के सुर बदले हुए नजर आने लगे। दरअसल, बीते दिनों नाटो चीफ मार्क रुट ने पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर दावा किया था कि मोदी ने पुतिन को फोन कर रूसी तेल आयात और अमेरिकी टैरिफ के असर पर बातचीत की। इस बयान के सामने आने के बाद भारत में संज्ञान लिया और विदेश मंत्रालय ने इसे पूरी तरह झूठा और भ्रामक बताया। भारत की इस तीखी प्रतिक्रिया के बाद अब रुट के सुर बदलते नजर आ रहे हैं।
NATO Chief: क्या है पूरा मामला?
Also Read –
25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर दिए गए एक इंटरव्यू में रुट ने कहा था कि अमेरिकी टैरिफ का असर रूस पर पड़ रहा है और इस वजह से भारत पुतिन से फोन पर संपर्क में है। उन्होंने यहां तक कह डाला कि मोदी, पुतिन से यूक्रेन पर रणनीति जानने की कोशिश कर रहे हैं। (NATO Chief) भारत ने इस बयान को तुरंत खारिज किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से ऐसी कोई बातचीत नहीं की। उन्होंने रुट की टिप्पणी को “तथ्यात्मक रूप से गलत और पूरी तरह बेबुनियाद” बताया। जायसवाल ने यह भी कहा कि नाटो जैसे गंभीर संगठन के प्रमुख से उम्मीद की जाती है कि वे सार्वजनिक मंच पर बोलते समय जिम्मेदारी और सटीकता का परिचय दें। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस से तेल आयात को लेकर उसका रुख स्पष्ट है और इसमें कोई दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जाएगा।
Also Read –Pawan Kalyan: पवन कल्याण की तबीयत बिगड़ी, CM नायडू ने जताई गहरी चिंता
- Advertisement -
रुट का बदलता बयान और नए संकेत
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद अब नाटो चीफ रुट नरम पड़ते नज़र आ रहे हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि नाटो भारत से अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। (NATO Chief) उन्होंने दावा किया कि भारत न तो चीन के साथ पूरी तरह खड़ा है और न ही रूस के हाथों में चला गया है।
रुट ने कहा, “नरेंद्र मोदी चीन में शी जिनपिंग और पुतिन के साथ थे, लेकिन हमने अभी तक मोदी को नहीं खोया है और हम भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूत बनाए हुए हैं।” यह बयान साफ संकेत देता है कि भारत की डांट का असर रुट और नाटो दोनों पर हुआ है।
Also Read –पिटाई विवाद में शिक्षक पर कार्रवाई को मंत्री आशीष पटेल ने बताया एकतरफा, कहा- निष्पक्ष जांच जरूरी
आपको बता दें कि भारत लंबे समय से रूस के साथ ऊर्जा और रक्षा के क्षेत्र में सहयोग करता आ रहा है। वहीं अमेरिका और यूरोप के साथ भी भारत के रणनीतिक संबंध मजबूत हुए हैं। (NATO Chief) यूक्रेन युद्ध के बाद जब पश्चिमी देशों ने रूस से दूरी बना ली, तब भी भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी और रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखा।
भारत ने बार-बार यह साफ किया है कि उसकी विदेश नीति स्वतंत्र और संतुलित है। (NATO Chief) भारत पश्चिमी दबाव में आकर अपने फैसले नहीं बदलता।
वैश्विक राजनीति में भारत की बढ़ती ताकत
नाटो चीफ का बदला हुआ रुख इस बात का सबूत है कि दुनिया अब भारत की शक्ति और कूटनीतिक सख्ती को नजरअंदाज नहीं कर सकती। (NATO Chief) भारत न केवल एशिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकत है बल्कि ऊर्जा और सुरक्षा के मोर्चे पर भी अहम खिलाड़ी बन चुका है। मार्क रुट का यह स्वीकार करना कि “हमने मोदी को नहीं खोया है” दर्शाता है कि भारत आज वैश्विक राजनीति में उस स्तर पर पहुंच चुका है, जहां उसकी अनदेखी करना संभव ही नहीं।