Modi Cabinet Decision: बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसमें सरकार ने कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी। (Modi Cabinet Decision) इन फैसलों में रेलवे लाइन के दोहरीकरण से लेकर बाईपास परियोजनाओं और सिंचाई योजनाओं तक कई अहम घोषणाएं शामिल रहीं।

Modi Cabinet Decision: कैबिनेट के प्रमुख फैसले:
- वेल्लोर रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी
- आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु को जोड़ने के लिए नई रेल योजना
- हरियाणा और पंजाब के लिए बड़ी अधोसंरचना योजना
- जीरकपुर को सैटेलाइट शहर के रूप में विकसित किया जाएगा
- जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी
- 19.2 किलोमीटर लंबी इस योजना के लिए ₹1878.31 करोड़ की स्वीकृति
- पीएम कृषि सिंचाई योजना की उप-योजना को मंजूरी
जीरकपुर बाईपास को मिली मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट ने पंजाब और हरियाणा के लिए 1878.31 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 19.2 किमी लंबे छह लेन वाले एक्सेस कंट्रोल्ड जीरकपुर बाईपास को मंजूरी दी है। (Modi Cabinet Decision) इस परियोजना का उद्देश्य पटियाला, दिल्ली और मोहाली एरोसिटी जैसे क्षेत्रों से यातायात को डायवर्ट कर जीरकपुर, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करना और हिमाचल प्रदेश से सीधा संपर्क स्थापित करना है। यह योजना NH-7, NH-5 और NH-152 के व्यस्त शहरी हिस्सों में परेशानी मुक्त यात्रा को सुनिश्चित करेगी।

CADWM के विकास और जल प्रबंधन के आधुनिकीकरण को मंजूरी
इसके साथ ही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत कमान क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन (CADWM) की उप-योजना को भी मंजूरी दी गई है, जो वर्ष 2025-26 तक ₹1600 करोड़ के प्रारंभिक बजट के साथ चलाई जाएगी। इस योजना का मकसद सिंचाई नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना है ताकि किसानों को खेत तक पानी की आसान आपूर्ति मिल सके। इसमें दबावयुक्त भूमिगत पाइप सिस्टम, SCADA और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे जल उपयोग की दक्षता, कृषि उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
तिरुपति–पाकला–कटपडी सेक्शन के दोहरीकरण को मंजूरी
इसके अलावा, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तिरुपति–पाकला–कटपडी रेल सेक्शन (104 किमी) के दोहरीकरण को मंजूरी दी है, जिसकी अनुमानित लागत ₹1332 करोड़ है। यह परियोजना रेलवे की क्षमता, सेवा की विश्वसनीयता और परिचालन दक्षता को बेहतर बनाएगी। मल्टी-ट्रैकिंग से भीड़भाड़ कम होगी और यह “नए भारत” के विजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और आत्मनिर्भरता के अवसर मिलेंगे।