Minuteman-3 test: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा परमाणु हथियारों पर की गई हालिया टिप्पणियों के बाद, अमेरिकी वायुसेना के ग्लोबल स्ट्राइक कमांड ने दुनिया को अपनी ताकत का स्पष्ट संदेश दिया है। कैलिफोर्निया से एक बिना हथियार वाली मिनटमैन III अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का सफल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण अमेरिका की उस सामरिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह अपनी परमाणु रोकथाम (न्यूक्लियर डिटरेंस) क्षमता को उच्च स्तर पर बनाए रखेगा। यह मिसाइल प्रशांत महासागर पार करते हुए मार्शल द्वीप समूह के पास रोनाल्ड रीगन बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस टेस्ट साइट पर सटीक निशाने के साथ उतरी।
Minuteman-3 test: मिनटमैन III: पुरानी मगर अचूक ताकत
मिनटमैन III मिसाइल अमेरिका की सबसे पुरानी ICBM है, जिसे 1970 के दशक से लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है। अपनी उम्र के बावजूद, यह मिसाइल आज भी अमेरिका की परमाणु ताकत का एक मुख्य स्तंभ है।
क्षमता और गति: यह जमीन से लॉन्च होती है और इसकी मारक क्षमता 13,000 किलोमीटर तक है, जो इसे रूस और चीन जैसे किसी भी संभावित विरोधी तक पहुँचने में सक्षम बनाती है।
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परमाणु सक्षमता: इसमें परमाणु वॉरहेड लगाया जा सकता है, हालांकि इस परीक्षण में केवल परीक्षण के लिए इस्तेमाल होने वाला डमी वॉरहेड था।
नाम का रहस्य: इसे ‘मिनटमैन’ नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह एक मिनट के भीतर तैयार होकर लॉन्च होने की क्षमता रखती है।
वर्तमान में अमेरिका के पास ऐसी लगभग 400 मिसाइलें तैनात हैं, जो देश की भूमि-आधारित परमाणु रोकथाम का मुख्य हिस्सा हैं। (Minuteman-3 test) हालाँकि, अमेरिका 2030 तक इसे नई पीढ़ी की मिसाइल से बदलने की योजना बना रहा है, लेकिन तब तक इसके नियमित परीक्षण जारी रहेंगे।
ट्रंप के बयान के बाद क्यों हुआ परीक्षण?
यह ‘नियमित परीक्षण’ ऐसे समय में हुआ है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से परमाणु परीक्षणों पर अपनी राय रखी थी। ट्रंप ने तर्क दिया था कि चूँकि रूस, चीन और पाकिस्तान जैसे देश अपनी परमाणु क्षमता को मजबूत कर रहे हैं और परीक्षण कर रहे हैं, इसलिए अमेरिका को पीछे नहीं रहना चाहिए। (Minuteman-3 test) उन्होंने पेंटागन को तुरंत परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया था।
हालाँकि, अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने स्पष्ट किया है कि अभी किसी भी तरह के विस्फोट वाले परमाणु परीक्षण (Explosive Nuclear Tests) नहीं किए जाएँगे। ट्रंप का यह आदेश व्यापक नीति का हिस्सा है, जो व्यापक परमाणु-परीक्षण-निषेध संधि (CTBT) के तहत आता है। CTBT सभी परमाणु परीक्षणों को रोकने का एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसे अमेरिका ने अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया है। (Minuteman-3 test) ट्रंप का यह बयान शीत युद्ध (Cold War) के दौर की याद दिलाता है, जब अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हथियारों की होड़ चरम पर थी।
परीक्षण का रूट और सटीकता की जाँच
मिनटमैन-3 का यह परीक्षण कैलिफोर्निया के वांडेनबर्ग बेस से किया गया। मिसाइल ने प्रशांत महासागर को पार करते हुए लगभग 7000 किलोमीटर की दूरी तय की और मार्शल द्वीपसमूह में रोनाल्ड रीगन टेस्ट साइट पर एक डमी टारगेट को सफलतापूर्वक हिट किया। यह टेस्ट मिसाइल की सटीकता, गति और पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता की जाँच के लिए किया गया। (Minuteman-3 test) USAF (अमेरिकी वायुसेना) का कहना है कि यह एक रूटीन प्रक्रिया है, जो आमतौर पर हर तिमाही में एक बार होती है। इससे पहले मई 2025 में भी ऐसा ही टेस्ट किया गया था। यह रूटीन टेस्ट दिखाता है कि अमेरिका अपने परमाणु शस्त्रागार के रखरखाव और विश्वसनीयता को लेकर कितना गंभीर है।
पनडुब्बियों की दुर्लभ लॉन्चिंग
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अमेरिकी परमाणु हथियारों का 70% हिस्सा पनडुब्बियों पर तैनात है। पनडुब्बियों से बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च कम होते हैं, क्योंकि इनकी गोपनीयता (Secrecy) अमेरिका की परमाणु रोकथाम रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। (Minuteman-3 test) इसलिए, मिनटमैन III जैसे लैंड-बेस्ड ICBM का परीक्षण अक्सर सार्वजनिक रूप से किया जाता है ताकि दुश्मनों को अमेरिका की युद्ध तत्परता का स्पष्ट संकेत मिल सके।
