Maldives: में सियासी लड़ाई बढ़ती जा रही है। राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद मुइज्जू का अड़ियल रवैया विपक्षी दलों को नाराज कर रहा है। हाल ही में संसद ने तीन मंत्रियों को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटा दिया था। लेकिन मुइज्जू ने इन मंत्रियों को फिर से बहाल कर दिया। इससे विपक्षी दलों में आक्रोश बढ़ गया है।
की संसद ने 10 जनवरी को वित्त मंत्री अब्दुल्ला जमाल, पर्यटन मंत्री अली हसन और संस्कृति मंत्री अब्दुल बासिथ को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटा दिया था। (Maldives) इन तीनों मंत्रियों को मुइज्जू का करीबी माना जाता है। विपक्षी दलों का आरोप है कि मुइज्जू ने इन मंत्रियों को अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए नियुक्त किया था।
संसद के फैसले के बाद मुइज्जू ने इन तीनों मंत्रियों को फिर से बहाल कर दिया। उन्होंने एक अधिसूचना जारी करके कहा कि उन्होंने इन मंत्रियों को बहाल करने का फैसला लिया है क्योंकि संसद का अविश्वास प्रस्ताव असंवैधानिक था। मुइज्जू के इस फैसले से विपक्षी दलों में आक्रोश बढ़ गया है।
विपक्षी दलों का कहना है कि मुइज्जू संवैधानिक ढांचे को तोड़ रहे हैं। (Maldives) उन्होंने संसद के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा है।
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विपक्षी दलों का कहना है कि मुइज्जू संवैधानिक ढांचे को तोड़ रहे हैं। उन्होंने संसद के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा है।
विपक्षी दलों का कहना है कि मुइज्जू संवैधानिक ढांचे को तोड़ रहे हैं। उन्होंने संसद के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा है। (Maldives) में सियासी उथल-पुथल के पीछे कई कारण हैं। एक कारण यह है कि मुइज्जू की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि मुइज्जू ने अपने करीबियों को मंत्री पद देकर उनसे भ्रष्टाचार करवाया है।
Maldives: राष्ट्रपति ने तीनों मंत्रियों को फिर से बहाल किया
हालांकि, राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने 29 जनवरी को तीनों मंत्रियों को फिर से बहाल कर दिया। उन्होंने कहा कि संसद ने इन मंत्रियों को पद से हटाने के लिए आवश्यक बहुमत नहीं जुटाया था।
संसद के नियमों के अनुसार, एक मंत्री को महाभियोग के लिए हटाने के लिए संसद में कम से कम दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। इस मामले में, संसद में केवल 51% सांसदों ने मंत्रियों के खिलाफ मतदान किया था।
दूसरा कारण यह है कि मुइज्जू की सरकार का चीन के साथ घनिष्ठ संबंध है। विपक्षी दलों का आरोप है कि मुइज्जू चीन के दबाव में काम कर रहे हैं। वे चीन के प्रभाव को मालदीव में बढ़ने से रोकना चाहते हैं।
Maldives में सियासी लड़ाई बढ़ने से देश की स्थिरता पर खतरा मंडरा रहा है। अगर इस लड़ाई का समाधान नहीं हुआ तो देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है।