
Israel strike Syria: 15 जुलाई जब अधिकांश दुनिया सामान्य जीवन जी रही थी, सीरिया की राजधानी दमिश्क एक युद्ध क्षेत्र में बदल गई। इज़राइल ने ना केवल राजधानी पर हमला किया, बल्कि सीरिया के हृदयस्थल,उसके रक्षा मंत्रालय, सैन्य मुख्यालय और सैन्य काफिलों को निशाना बनाकर पूरे शासन की रीढ़ तोड़ दी। (Israel strike Syria) इज़राइली वायुसेना के F-35 विमानों ने जो तबाही मचाई, उसने दशकों से चले आ रहे अरब-इज़राइल संघर्ष को एक नई भयावह दिशा दे दी है। 160 से अधिक ठिकानों पर हमले, और उनमें से ज़्यादातर स्वेदा के आसपास। एक संदेश पूरी दुनिया के लिए स्पष्ट है,इज़राइल अब सिर्फ रक्षा नहीं, हमला कर रहा है।
सीरिया का स्वेदा शहर, जहां ड्रूज समुदाय बहुसंख्यक है, पिछले चार दिनों से जल रहा था। ड्रूज और बैदोइन समुदायों के बीच हिंसा ने एक गृहयुद्ध जैसा माहौल बना दिया था। (Israel strike Syria) दावा किया गया कि इस हिंसा में 300 से अधिक ड्रूज समुदाय के लोग मारे गए, और हैरानी की बात यह थी कि सीरियाई सेना खुद भी इन पर हमले कर रही थी। इज़राइल के लिए यह ‘मानवाधिकार का संकट’ नहीं, बल्कि ‘रणनीतिक अवसर’ था।
Israel strike Syria: सीजफायर का झांसा या असली युद्धविराम?
सीरियाई सरकारी एजेंसियों ने ऐलान किया कि स्वेदा में शांति स्थापित हो गई है, युद्धविराम लागू हो गया है, और अब क्षेत्र में संयुक्त जांच चौकियां बनेंगी। (Israel strike Syria) ड्रूज नेता शेख युसुफ जार्बू ने वीडियो संदेश में शांति की शर्तों का भी एलान कर दिया – बंदियों की रिहाई, सड़क सुरक्षा और राज्य संस्थाओं की वापसी पर क्या सचमुच यह ‘शांति’ है?
Also Read –Donald Trump will Visit Pakistan: पाकिस्तान जाएंगे डोनाल्ड ट्रंप? 19 साल बाद कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पहुंचेगा पाक, दावे पर मची हलचल
ड्रूज बोले – “हमारे खून से समझौता नहीं होगा”
स्वेदा से आई असली चीख यह थी – “सीजफायर छलावा है।” ड्रूज समुदाय के आधिकारिक पेज पर साफ लिखा गया – “हम तब तक लड़ेंगे जब तक हमारी जमीन से आतंकी गिरोह और सरकारी सेनाएं बाहर नहीं हो जातीं।” ड्रूज शेख हिकमत अल हिजरी ने साफ कहा, हम किसी सौदे का हिस्सा नहीं हैं। यह ‘युद्धविराम’ सिर्फ एक दिखावा है, ताकि दुनिया को दिखाया जा सके कि हालात सामान्य हैं।
- Advertisement -
इज़राइल का इरादा साफ – ड्रूज को अकेला मत छोड़ो
इज़राइल के विदेश मंत्री इज़राइल कैट्ज ने दुनिया के सामने ऐलान किया – “हम ड्रूज समुदाय को अकेला नहीं छोड़ेंगे। सीरिया को चेतावनी दी जा चुकी है। (Israel strike Syria) जब तक वे स्वेदा से सेना नहीं हटाते, हम हमला करते रहेंगे।” इस बयान ने साफ कर दिया कि यह सिर्फ एक सीमा संघर्ष नहीं, बल्कि सीरियाई संप्रभुता पर सीधा हस्तक्षेप है और अब सवाल उठ रहा है, क्या यह सिर्फ मानवीय कारणों से किया गया है? या इसके पीछे कोई और खेल है?
तुर्की का छिपा हुआ हाथ?
मिडल ईस्ट की राजनीति में जो दिखता है, वह अक्सर होता नहीं। कई रिपोर्ट्स अब संकेत दे रही हैं कि स्वेदा में शुरू हुआ यह ड्रूज विद्रोह तुर्की की छाया में पनपा है। तुर्की पहले भी सीरियाई सीमा पर कई विद्रोही गुटों को समर्थन देता रहा है। (Israel strike Syria) ड्रूज विद्रोहियों को असलहा, प्रशिक्षण और खुफिया जानकारी किसने दी इसका जवाब कई अंगुलियों को तुर्की की ओर मोड़ता है। इज़राइल-तुर्की संबंध पहले ही तनावपूर्ण हैं। अब अगर यह सिद्ध हो गया कि ड्रूज विद्रोह तुर्की के सहारे से हो रहा है, तो यह मध्यपूर्व के दो बड़े शक्तिशाली देशों के बीच प्रत्यक्ष युद्ध की भूमिका बन सकती है।
Also Read –ICC Punished England On Lord’s Test: इंग्लैंड को लगा बड़ा झटका: लॉर्ड्स टेस्ट जीतने के बावजूद जुर्माना और WTC रैंकिंग में गिरावट!
इज़राइली हमलों के बाद सीरियाई सेना की ताकत पर सवाल खड़े हो चुके हैं। जनरल स्टाफ कमांड बिल्डिंग तक पर हमला सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि राजनीतिक अपमान है। (Israel strike Syria) दमिश्क की सड़कों पर सेना की उपस्थिति नहीं, बल्कि भगदड़ है। और स्वेदा में ड्रूज लड़ाके अब सरकार की किसी भी बातचीत को ठुकरा रहे हैं। सीरिया दो मोर्चों पर बिखर रहा है – एक तरफ इज़राइली बम, दूसरी तरफ आंतरिक विद्रोह।
क्या अगला हमला तुर्की पर?
अब बड़ा सवाल यह है – क्या इज़राइल तुर्की के खिलाफ सीधा कदम उठाएगा? यदि ड्रूज विद्रोह में तुर्की की भूमिका सिद्ध होती है, तो इज़राइल मध्यपूर्व में एक नया मोर्चा खोल सकता है। (Israel strike Syria) इसका असर न सिर्फ सीरिया, बल्कि ईरान, रूस और अमेरिका तक जाएगा। अभी सिर्फ इतना कहा जा सकता है की इज़राइल का हमला एक नई भूचाल की शुरुआत है। सीरिया अब सिर्फ युद्ध से नहीं, राजनीति और गुप्त एजेंडा से टूट रहा है। और शायद… अगला विस्फोट कहीं और होने वाला है।