International news: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत को लेकर की गई टिप्पणियों से उनके ही देश में विरोध शुरू हो गया है। मालदीव के विपक्षी नेता कासिम इब्राहिम ने मुइज्जू से भारत से माफी मांगने की मांग की है।
मुइज्जू ने 13 जनवरी को चीन की पांच दिवसीय हाई-प्रोफाइल यात्रा के बाद स्वदेश लौटने पर कहा था, ”हम छोटे (देश) हो सकते हैं लेकिन इससे उन्हें हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता।”
International news: इब्राहिम ने कहा कि मुइज्जू की टिप्पणी से मालदीव और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचा है।(International news) उन्होंने कहा कि मुइज्जू को भारत से माफी मांगनी चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए कदम उठाने चाहिए।
मोहम्मद मुइज्जू ने 2018 में मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव जीता था। उन्होंने अपने चुनाव अभियान में “इंडिया आउट” का नारा दिया था। मुइज्जू का आरोप था कि भारत मालदीव की आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है।
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मुइज्जू के चुनाव जीतने के बाद, उन्होंने मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग की। उन्होंने भारत के साथ कई समझौतों को भी रद्द कर दिया।
मुइज्जू की भारत विरोधी नीतियों ने मालदीव और भारत के बीच तनाव पैदा कर दिया है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध बिगड़ गए हैं।
मुइज्जू के विरोधियों का कहना है कि वह भारत के साथ मजबूत संबंधों को खत्म कर रहे हैं। उनका आरोप है कि मुइज्जू चीन के प्रभाव में आ गए हैं।
हालांकि, मुइज्जू का कहना है कि वह मालदीव की स्वतंत्रता और संप्रभुता को सुरक्षित करने के लिए काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि भारत मालदीव को अपनी गुलाम नहीं बना सकता।
International news: इब्राहिम के अलावा, मालदीव के कई अन्य नेताओं ने भी मुइज्जू की टिप्पणियों की आलोचना की है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा कि मुइज्जू की टिप्पणी से मालदीव की स्वतंत्रता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचा है।
मालदीव और भारत के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से अच्छे रहे हैं। दोनों देश व्यापार, सुरक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग करते हैं।
मालदीव और भारत के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से अच्छे रहे हैं। दोनों देश व्यापार, सुरक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग करते हैं।(International news) मुइज्जू की टिप्पणियों से इन संबंधों पर खतरा पैदा हो गया है।