India First Vijayanta Tank: भारत आधुनिक युद्धक्षमता को मजबूत करने के लिए आज कई अत्याधुनिक हथियार और टैंक विकसित कर रहा है। हल्के और हाई-टेक टैंक जैसे जोरावर इसका नवीन उदाहरण हैं। लेकिन इन सभी आधुनिक स्वदेशी टैंकों की नींव जिस टैंक ने रखी, वह है विजयंत, भारत का पहला स्वदेशी मेन बैटल टैंक (MBT)।
India First Vijayanta Tank: विजयंत से हुआ भारत के टैंक निर्माण की शुरुआत
1960 के दशक में भारत ने अपनी रक्षा उत्पादन क्षमता को मजबूत करने का संकल्प लिया। इसी दौरान भारत ने ब्रिटेन की कंपनी Vickers के साथ मिलकर अपना पहला मेन बैटल टैंक डिजाइन करना शुरू किया। (India First Vijayanta Tank) तकनीक भले ही ब्रिटेन से मिली हो, लेकिन इसके आगे का विकास, संरचना और निर्माण पूरी तरह भारत में किया गया। यह प्रयास भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का शुरुआती और ऐतिहासिक कदम था। विजयंत ने न सिर्फ टैंक निर्माण की दिशा में नई शुरुआत की, बल्कि भारतीय इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षमता का एक नया दौर भी शुरू किया।
विजयंत टैंक की उत्पादन यात्रा
डिफेंस रिपोर्ट्स के अनुसार, विजयंत का उत्पादन 1965 में तमिलनाडु के हेवी व्हीकल्स फैक्ट्री (HVF), चेन्नई में शुरू हुआ। अगले ही वर्ष 1966 में इस टैंक को भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया। (India First Vijayanta Tank) HVF चेन्नई वही फैक्ट्री है जहाँ आगे चलकर भारत के लगभग सभी स्वदेशी टैंक जैसे अर्जुन MBT आदि का निर्माण हुआ। भारत में टैंक उत्पादन की पूरी नींव इसी फैक्ट्री और विजयंत जैसे टैंकों ने मजबूत की।
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विजयंत की मारक क्षमता और फीचर्स
विजयंत उस समय के हिसाब से तकनीकी रूप से बेहद एडवांस टैंक माना जाता था।दुश्मन विजयंत का नाम सुनकर ही खौफ महसूस करते थे। इसमें कुछ प्रमुख क्षमताएं शामिल थीं, आइए बताते हैं-
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105 मिमी की शक्तिशाली गन, जिसकी मारक क्षमता दुश्मनों के लिए चुनौती बन जाती थी।
भारतीय भूगोल और तापमान के अनुकूल उत्तम मूवमेंट सिस्टम।
लंबी रेंज, मजबूत संरचना और उत्कृष्ट विश्वसनीयता।
रिटायरमेंट और विरासत
लगभग तीन दशकों तक भारतीय सेना की सेवा करने के बाद, विजयंत टैंक को 2000 के दशक में धीरे-धीरे रिटायर किया गया। हालांकि इसकी सेवा समाप्त हुई, लेकिन इसकी विरासत आज भी जीवंत है। (India First Vijayanta Tank) विजयंत ने भारत में स्वदेशी टैंक निर्माण के लिए रास्ता बनाया और यही तकनीक आगे चलकर अर्जुन MBT जैसे आधुनिक टैंकों की प्रेरणा बनी। आज भारत जितनी भी टैंक तकनीक में आत्मनिर्भरता दिखाता है, उसकी जड़ें विजयंत में ही हैं।
भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है ये टैंक
भारत का पहला स्वदेशी टैंक विजयंत केवल एक लड़ाकू मशीन नहीं था। यह भारत की उस सोच का प्रतीक था, जिसमें देश ने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य रखा था। विजयंत ने भारतीय टैंक शक्ति की नींव रखी और आधुनिक स्वदेशी टैंकों के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
