India China: भारत और चीन के बीच हिंद महासागर में बढ़ती तनातनी के बीच, भारत ने अपनी नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलों के विकास पर जोर दिया है। भारत का मानना है कि ये मिसाइलें उसे चीन के बढ़ते दखलंदाजी का जवाब देने में सक्षम बनाएंगी।
भारत ने हाल ही में स्वदेशी रूप से विकसित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल 4,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक मार कर सकती है। भारत ने इसके अलावा, अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल 5,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक मार कर सकती है।
इन मिसाइलों के विकास से भारत को हिंद महासागर के किसी भी हिस्से में चीन के ठिकानों को निशाना बनाने की क्षमता मिलेगी।(India China) इससे भारत को चीन के साथ किसी भी संभावित संघर्ष में अपनी रणनीतिक स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।
भारतीय नौसेना के लिए लंबी दूरी की मिसाइलें एक महत्वपूर्ण हथियार बनने जा रही हैं। ये मिसाइलें भारतीय नौसेना को चीन के जहाजों और पनडुब्बियों को मारने की क्षमता प्रदान करेंगी। (India China) इससे भारत को हिंद महासागर में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
भारत का मानना है कि लंबी दूरी की मिसाइलें उसे चीन के साथ बातचीत में भी मजबूत स्थिति में खड़ा करेंगी। ये मिसाइलें चीन को यह संदेश देंगी कि भारत अपने हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है।
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चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के बीच, भारत अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। (India China) लंबी दूरी की मिसाइलों का विकास भारत की इस रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ने से हिंद महासागर में सुरक्षा की स्थिति में बदलाव आने की संभावना है। भारत की लंबी दूरी की मिसाइलें चीन को हिंद महासागर में अपनी दखलंदाजी कम करने के लिए मजबूर कर सकती हैं।
India China: चीन की चाल पर भारत की चिंताएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जुलाई, 2023 को दौरे पर आए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के सामने यह मुद्दा उठाया था कि श्रीलंका को भारत की रणनीतिक चिंताओं का सम्मान करना चाहिए. (India China) चीन की चाल पर भारत की चिंताएं कुछ इस प्रकार हैं –
- पीएलए नौसेना तेजी से तीन विमान वाहक, परमाणु पनडुब्बियों हासिल कर रही है.
- चीन लाल सागर के मुहाने पर कंबोडिया से जिबूती तक नौसैनिक अड्डों की एक श्रृंखला के साथ पूरे हिंद महासागर में अपना विस्तार कर रहा है या यूं कहें कि भारत के चारो ओर एक तरह की घेराबंदी करने की तैयारी कर रहा है.
- भविष्य के नौसैनिक अभियानों को ध्यान में रखते हुए चीन पहले ही कंबोडिया, म्यांमार, श्रीलंका, पाकिस्तान, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात में बंदरगाहों का अधिग्रहण और उन पर निवेश कर चुका है.
- समुद्री रिसर्च के नाम पर चीन वास्तव में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण में नब्बे डिग्री रिज से लेकर गहरे दक्षिण हिंद महासागर तक हिंद महासागर के तल तक भारत के खिलाफ एक जाल सा बिछा रहा है.
- अफ़्रीका के तट तक भविष्य में पनडुब्बी संचालन के लिए विस्तृत समुद्री तैयार चीन कर रहा है.
- चीनी का पीएलए पहले से ही समुद्री डकैती विरोधी अभियानों के नाम पर अफ्रीका के तट और अदन की खाड़ी में काम कर रही है.
- इन सब तैयारियों के कारण भविष्य में चीनी वाहक स्ट्राइक बल हिंद महासागर के अंतरराष्ट्रीय जल में गश्त करेंगे.
- पिछले महीने ही चीनी नौसेना ने मकरान तट पर पाकिस्तानी नौसेना के साथ एक अभ्यास किया था. जिसमें पीएलए सॉन्ग श्रेणी की घातक पनडुब्बी भी शामिल थी.
- https://youtu.be/CGijoUG3-TM?si=Vn6vgD7EMoaUeaL-