India-Brazil defence deal Akash missile: बीते मई महीने में ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद जंग के मैदान में भारत के मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स की जिस असाधारण ताकत को दुनिया ने देखा, उसने वैश्विक रक्षा बाजार में एक नया समीकरण खड़ा कर दिया है। इस दौरान भारत के स्वदेशी डिफेंस सिस्टम ‘आकाश’ मिसाइलों की भूमिका बेहद अहम रही थी। (India-Brazil defence deal Akash missile) इन्हीं सफलताओं का यह नतीजा है कि अब दुनिया के कई देश इन मिसाइलों को खरीदने में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इस कड़ी में, भारत के ब्रिक्स (BRICS) साथी ब्राजील का नाम भी जुड़ गया है, जिसने आकाश मिसाइल सिस्टम को खरीदने में अपनी उत्सुकता ज़ाहिर की है।
जानकारी के मुताबिक, भारत जल्द ही ब्राजील को आकाश मिसाइलों का निर्यात (Export) करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए दोनों देशों के बीच जल्द ही एक बड़ी डिफेंस एक्सपोर्ट डील की तैयारियाँ चल रही हैं। (India-Brazil defence deal Akash missile) रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ब्राजील के उपराष्ट्रपति तथा रक्षा मंत्री के बीच हुई बातचीत के दौरान ब्राजील ने इसे खरीदने में खास दिलचस्पी दिखाई है। दोनों देशों ने बातचीत जारी रखने का फैसला किया है, जिससे इस ऐतिहासिक समझौते की संभावना और भी बढ़ गई है।
India-Brazil defence deal Akash missile: यह सौदा क्यों है खास? आत्मनिर्भर भारत की बड़ी छलांग
भारत और ब्राजील के बीच यह सौदा कई मायनों में खास होगा। इस समझौते से ब्रिक्स के दोनों साझेदार देशों के रणनीतिक रिश्ते और भी मज़बूत होने की उम्मीद है। वहीं, यह सौदा भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता (Self-Reliance) के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह सिर्फ एक व्यावसायिक समझौता नहीं, बल्कि एक गहरी रणनीतिक साझेदारी भी होगी। इससे दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Cooperation) को मजबूती मिलेगी और भारत की पहचान एक भरोसेमंद वैश्विक डिफेंस एक्सपोर्टर के रूप में और अधिक मज़बूत होगी। यह डील भारत की मेक इन इंडिया पहल की वैश्विक स्वीकार्यता का भी प्रमाण है।
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ऑपरेशन सिंदूर में आजमाया गया ‘आकाश’ सिस्टम
‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम को भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया है। इसका मुख्य मकसद फाइटर एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल, ड्रोन और हेलीकॉप्टर जैसे तमाम हवाई खतरों से ज़रूरी ठिकानों और संसाधनों की सुरक्षा करना है। (India-Brazil defence deal Akash missile) यह पूरी तरह से मोबाइल सिस्टम है, यानि इसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह एक साथ कई टारगेट पर हमला करने की क्षमता रखता है।
भारतीय सेना के मुताबिक, आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हवाई खतरों और ड्रोन हमलों को लगातार नाकाम किया। (India-Brazil defence deal Akash missile) इस दौरान इसकी जैमिंग इम्यूनिटी (Jamming Immunity) और तेज़ प्रतिक्रिया की क्षमता सबसे अधिक मददगार साबित हुई थी। इस युद्ध-परीक्षणित (Battle-Tested) सिस्टम ने खुद को एक किफायती और भरोसेमंद विकल्प के रूप में साबित किया है, खासकर उन देशों के लिए जो अपनी एयर डिफेंस टेक्नोलॉजी को आधुनिक बना रहे हैं।
डील से ट्रंप को लग सकती है मिर्ची
भारत और ब्राजील दोनों ही ब्रिक्स समूह का हिस्सा हैं, और इस तरह के रक्षा सौदे से यह समूह रणनीतिक रूप से और मज़बूत होगा। यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नागवार गुजर सकती है। (India-Brazil defence deal Akash missile) ट्रंप बीते कुछ समय से ब्रिक्स पर लगातार हमलावर रहे हैं और उन्होंने इस समूह को अमेरिकी डॉलर पर हमला करार दिया है। ट्रंप ने हाल ही में बयान दिया था कि ब्रिक्स देशों के डर से ही उन्होंने टैरिफ लगाए हैं। अब ब्रिक्स के दो बड़े और महत्वपूर्ण देशों के बीच इस बड़ी डिफेंस डील की संभावना से वह और भड़क सकते हैं, क्योंकि यह सौदा ब्रिक्स की एकजुटता और रणनीतिक आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।