Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. इस बार विवाद पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) के नए सदस्यों को लेकर है. (Pakistan) दरअसल, पाकिस्तान सरकार ने PSGPC कमेटी में कई खालिस्तान समर्थकों को शामिल किया है. इसे लेकर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में PSGPC में 13 सदस्यों को एंट्री दी है. इनमें रमेश सिंह अरोड़ा, तारा सिंह, ज्ञान सिंह चावला, सरवंत सिंह, सतवंत कौर, हरमीत सिंह, महेश सिंह, भागवत सिंह, साहिब सिंह और मामपाल सिंह शामिल हैं.
भारत सरकार का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार जानबूझकर खालिस्तान समर्थकों को PSGPC में शामिल कर रही है. यह भारत की सुरक्षा के लिए खतरा है. भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है.
Pakistan: पाकिस्तान का बचाव
पाकिस्तान सरकार ने भारत के आरोपों को खारिज कर दिया है. पाकिस्तान का कहना है कि PSGPC में नए सदस्यों का चुनाव पारदर्शी तरीके से हुआ है. पाकिस्तान सरकार ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह सिख समुदाय के बीच राजनीति कर रहा है.
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PSGPC में खालिस्तान समर्थकों को शामिल किए जाने से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. (Pakistan) यह विवाद दोनों देशों के बीच संबंधों को और खराब कर सकता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि PSGPC में खालिस्तान समर्थकों को शामिल किए जाने से भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ गया है. खालिस्तान समर्थक भारत में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकते हैं.
PSGPC में खालिस्तान समर्थकों को शामिल किए जाने से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. यह विवाद दोनों देशों के बीच संबंधों को और खराब कर सकता है. भारत सरकार को इस मामले पर पाकिस्तान सरकार से कड़ा रुख अपनाना चाहिए.
नियुक्ति पर पाकिस्तान में भी उठे सवाल
इस बीच, एक हिंदू-धर्मांतरित सिख ने इन नियुक्तियों पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि ये ‘पहली पीढ़ी के धर्मांतरित सिख’ हैं. अरोड़ा को पाकिस्तान में प्रतिष्ठित ‘सितारा-ए-इम्तियाज’ पुरस्कार भी मिला है.
PSGPC के सदस्यों ने बताया कि पिछले साल इन लोगों ने पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय के सामने अपील दायर की थी कि धर्मांतरित सिखों की पहली पीढ़ी को PSGPC का सदस्य बनाने और उन्हें किसी अन्य धार्मिक मामलों का प्रभार देने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. (Pakistan) पीएसजीपीसी के एक अन्य सदस्य ने कहा कि जो लोग गुरु नानक देव जी द्वारा ननकाना साहिब में पहला उपदेश देने के बाद से सिख हैं, उन्हें किनारे कर दिया गया है.