Donald Trump: दुनिया की निगाहें अलास्का में हो रहे शिखर सम्मेलन पर टिक गई हैं जहाँ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को बातचीत करेंगे। पुतिन, जो सामान्यतः शांत और संतुलित स्वभाव के नेता माने जाते हैं। हमेशा की तरह चर्चा का केंद्र बने रहेंगे। (Donald Trump) लेकिन इस बार सबकी चिंता ट्रंप को लेकर है। अप्रत्याशित और आत्म-प्रशंसक ट्रंप अक्सर वैश्विक नेताओं से मिलने पर अपने एजेंडे से हट जाते हैं। इतिहास में उनके कई वैश्विक नेताओं के साथ बैठकें विवादास्पद और विफल साबित हुई हैं।
सबसे चर्चित उदाहरण वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ उनकी व्हाइट हाउस बैठक रही, जो लगभग टकराव में बदल गई थी। इसके अलावा, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ उनकी शिखर बैठक भी कूटनीतिक रूप से सफल नहीं रही।
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अब, जब ट्रंप पुतिन से अमेरिका के सबसे बड़े और ठंडे राज्य में मिलने जा रहे हैं। राजनीतिक माहौल अलास्का की ठंडी हवा से भी ज्यादा सख्त है। (Donald Trump) यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब विश्व तनाव चरम पर है और यूक्रेन मुद्दे पर वाशिंगटन और मास्को के बीच टकराव जारी है। खासकर यूरोपीय संघ और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी सहयोगी इस बैठक की दिशा को लेकर चिंतित हैं। ब्रिटिश अखबार द गार्जियन के मुताबिक, इस बैठक के बाद ट्रंप यूक्रेन और यूरोपीय संघ से जुड़ी जानकारी साझा करेंगे।
Donald Trump: ट्रंप-पुतिन बैठक को लेकर वैश्विक चिंता के तीन प्रमुख कारण
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- पुतिन के प्रति ट्रंप का झुकाव रहा है पुराना
2018 में हेलसिंकी शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने पुतिन के साथ दो घंटे से अधिक समय तक एकांत में चर्चा की थी, जिसमें सिर्फ दुभाषिए मौजूद थे। इसके बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की उस रिपोर्ट पर सवाल उठाया, जिसमें 2016 के अमेरिकी चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की बात कही गई थी। (Donald Trump) ट्रंप ने पुतिन का पक्ष लेते हुए रूस को क्लीन चिट दे दी थी। इस बयान ने अमेरिकी राजनीति में तूफान ला दिया था और रिपब्लिकन पार्टी के भीतर से भी आलोचना हुई थी। यह घटना इस धारणा को मज़बूत करती है कि ट्रंप रूस और पुतिन के प्रति एक खास नरम रुख रखते हैं, जिससे अमेरिकी राजनीतिक हलकों में इस नई बैठक को लेकर बेचैनी है।
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- नोबेल शांति पुरस्कार की चाह रूस को दिला सकती है लाभ
यूक्रेन युद्ध को लेकर ट्रंप के रुख में एक जोखिम यह है कि वे अपनी शांति दूत की छवि बनाने और नोबेल पुरस्कार पाने की चाह में रूस के साथ ऐसा समझौता कर सकते हैं जो मास्को के हित में हो। Donald Trumpचर्चा है कि ट्रंप यूक्रेन के कुछ हिस्सों को रूस को सौंपने जैसे भूमि विनिमय प्रस्ताव को समर्थन दे सकते हैं। यह रुख न केवल यूक्रेन की संप्रभुता को खतरे में डाल सकता है, बल्कि नाटो की एकता को भी हिला सकता है। ट्रंप की जल्दबाजी और बिना निगरानी के फैसले लेने की प्रवृत्ति इस स्थिति को और भी जटिल बना सकती है।
- रूस के आर्कटिक प्रस्ताव से पश्चिमी एकता पर संकट
कीव इंडिपेंडेंट के मुताबिक रूस ने अमेरिका को एक ऐसा प्रस्ताव दिया है जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को आर्कटिक में रूसी प्राकृतिक संसाधनों और परियोजनाओं तक पहुंच मिल सकती है। (Donald Trump) यह प्रस्ताव यूरोपीय सहयोगियों को किनारे कर सकता है और पश्चिमी देशों के बीच दरार पैदा कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस चाहता है कि अमेरिका उसके जमे हुए सरकारी फंड्स को मुक्त करे और प्रतिबंधों में नरमी लाए। अगर ट्रंप इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, तो यह रूस के खिलाफ बने पश्चिमी गठबंधन को कमजोर कर सकता है और मास्को को कूटनीतिक और आर्थिक लाभ पहुंचा सकता है।
अगर ट्रंप इस तरह के प्रस्तावों को स्वीकार करते हैं तो यह पश्चिम के रूस-विरोधी एकजुटता को कमजोर कर सकता है और मास्को को एक महत्वपूर्ण जीत दे सकता है।