Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि भारत इस साल के अंत तक रूस से तेल की खरीद कम कर देगा। हालांकि, भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि देश अपनी ऊर्जा नीतियों और राष्ट्रीय हितों के आधार पर ही कोई निर्णय करेगा। विदेश मामलों और तेल की खरीद-बिक्री जैसे संवेदनशील मुद्दों में भारत हमेशा अपने नागरिकों और अर्थव्यवस्था के हित को प्राथमिकता देता है। ऐसे में भारत ने यह साफ कर दिया कि किसी बाहरी दबाव में वह अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करेगा।
Donald Trump: भारत रूस से तेल खरीद घटा सकता है
अब व्हाइट हाउस ने भी ट्रंप के इस बयान को दोहराया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिना लेविट ने शुक्रवार, 24 अक्टूबर को कहा कि भारत भी चीन की तरह रूस से तेल की खरीद को कम कर सकता है। उन्होंने कहा, “अगर आप रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को ध्यान से देखें तो यह बहुत सख्त हैं। (Donald Trump) मैंने आज सुबह चीन से आने वाली खबरें पढ़ीं, जिसमें कहा गया कि चीन ने रूस से तेल की खरीद कम कर दी है। हमें लगता है कि भारत भी राष्ट्रपति ट्रंप के अनुरोध के बाद रूस से तेल की खरीद में कमी कर सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि इन प्रतिबंधों से रूस की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा।
यूक्रेन युद्ध को रोकने का अमेरिकी प्रयास विफल
ट्रंप और रूस के बीच संबंधों को लेकर भी चर्चा हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस से कहा था कि वह यूक्रेन में जारी युद्ध को रोकें, लेकिन इसका कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। (Donald Trump) व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा कि ट्रंप पुतिन के किसी ठोस कदम न उठाने से काफी निराश हैं। इस साल के अंत में दोनों नेताओं के मिलने की संभावना थी, लेकिन रूस ने अमेरिकी युद्धविराम प्रस्ताव को खारिज कर दिया और उनकी संभावित बैठक भी स्थगित हो गई। इसके अलावा, ट्रंप ने भारत पर दबाव बनाने के लिए भारी टैरिफ भी लगाया। (Donald Trump) उन्होंने भारत पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया था, ताकि भारत रूस से तेल खरीदना कम करे। हालांकि, भारत ने अपनी स्थिति बनाए रखी और कहा कि किसी भी निर्णय में देश के नागरिकों और अर्थव्यवस्था का हित सर्वोपरि होगा।
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राष्ट्रीय हित और ऊर्जा सुरक्षा सर्वोपरि
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी विदेश नीति और ऊर्जा सुरक्षा के मामले में स्वतंत्र है। चाहे अंतरराष्ट्रीय दबाव हो या किसी अन्य देश की मांग, भारत हमेशा अपने राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और अन्य एशियाई देश इस तरह के निर्णयों में संतुलित दृष्टिकोण अपनाते हैं, ताकि ऊर्जा आपूर्ति बाधित न हो और आर्थिक स्थिरता बनी रहे। (Donald Trump) इस प्रकार, ट्रंप के बयान और व्हाइट हाउस की टिप्पणियों के बावजूद, भारत ने स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी रणनीति और नीतियों के अनुसार ही रूस से तेल की खरीद-बिक्री का फैसला करेगा। यह भारत की जिम्मेदार और संतुलित विदेश नीति का ही उदाहरण है।
