Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो चुकी है. चैत्र नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है. (Chaitra Navratri) आज नवरात्रि का तीसरा दिन है. इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है.
नवरात्रि में मां के हर स्वरूप के लिए अलग-अलग मंत्रों के जाप किए जाते हैं. मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के दौरान नवदुर्गा के बीज मंत्रों का जाप करना भक्तों के लिए बहुत कल्याणकारी होता है. (Chaitra Navratri) जानते हैं मां दुर्गा के इन 9 स्वरूपों के बीज मंत्रों के बारे में.
Chaitra Navratri: नवरात्रि में करें इन मंत्रों का जा
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होती है. इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ अत्यन्त महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन माता शैलपुत्री के ध्यान और उनके मंत्रों का जाप किया जाता. मां के इस रूप का मंत्र ‘ॐ शैलपुत्र्यै नमः.’ है.
दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना की जाती है. इस दिन मां भगवती का ध्यान करने के बाद देवीभागवत के तृतीय स्कन्ध से चतुर्थ स्कन्ध के अष्टम अध्याय तक का पाठ करना उत्तम रहता है.
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नवरात्रि के तीसरे दिन माता दुर्गा के चन्द्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है. इस दिन देवी भागवत के चतुर्थ स्कन्ध के 9वें अध्याय से आरंभ करते हुए पंचम स्कन्ध के 18वें अध्याय तक पाठ करना चाहिए. (Chaitra Navratri) तीसरे दिन दिन ‘ॐ चंद्रघण्टायै नमः’ का जाप किया जाता है.
नवरात्रि के चौथे दिन माता दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा होती है. इस दिन मां भगवती का ध्यान करने के बाद देवी भागवत का पाठ किया जाता है. इस दिन पंचम स्कन्ध के 19वें अध्याय से आरंभ करते हुए छठवें स्कन्ध के 18वें अध्याय तक पाठ करना चाहिए. मां के इस स्वरूप का मंत्र है, ‘ॐ कूष्माण्डायै नमः’
नवरात्रि के 5वें दिन मां स्कन्दमाता की उपासना की जाती है. इस दिन मां भगवती की आरती करने के बाद मां का ध्यान मंत्र करना चाहिए. मां के इस स्वरूप का मंत्र है, ‘ॐ स्कन्दमात्रै नमः.’
नवरात्रि के छठवें दिन माता कात्यायनी की उपासना की जाती है. मां भगवती का ध्यान करने के बाद देवी भागवत के 7वें स्कन्ध के 19वें अध्याय से आरंभ करते हुए 8वें स्कन्ध के 17वें अध्याय तक का पाठ करना उत्तम रहता. (Chaitra Navratri) मां के इस स्वरूप के लिए, ‘ॐ कात्यायन्यै नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए.
नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की उपासना होती है. इस दिन देवी भागवत के आठवें स्कन्ध के 18वें अध्याय से आरंभ करते हुए 9वें स्कन्ध के 28वें अध्याय तक पाठ करना चाहिए. मां के इस रूप का जपनीय मंत्र,’ॐ कालरात्र्यै नमः’ है.
नवरात्र के आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की उपासना की जाती है. इस दिन मां भगवती का ध्यान करने के बाद देवी भागवत के 9वें स्कन्ध के 29वें अध्याय से आरंभ करते हुए दसवें स्कन्ध की समाप्ति तक पाठ करना चाहिए. इनका मंत्र ‘ॐ महागौर्ये नम:’ है.
नवरात्र के 9वें दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना की जाती है. देवी भागवत के 11वें स्कन्ध के प्रथम अध्याय से आरंभ करते हुए 12वें स्कन्ध की समाप्ति तक पाठ करना चाहिए. अंतिम दिन पाठ समाप्त होने के बाद हवन करना चाहिए. इनका मंत्र है, ‘ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः’ है.