Flipkart: भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के लिए पिछले दो साल काफी मुश्किल रहे हैं। जनवरी 2022 से जनवरी 2024 के बीच कंपनी की मार्केट वैल्यू में लगभग 41 हजार करोड़ रुपये (5 अरब डॉलर) की गिरावट आई है। यह जानकारी फ्लिपकार्ट की पैरेंट कंपनी वॉलमार्ट द्वारा किए गए इक्विटी ट्रांजेक्शंस से मिली है।
यह गिरावट फ्लिपकार्ट द्वारा अपनी फिनटेक फर्म फोनपे (PhonePe) को अलग कंपनी बनाने के चलते आई है। (Flipkart) रिपोर्ट्स के अनुसार, जनवरी 2022 में फ्लिपकार्ट की वैल्यू 40 अरब डॉलर थी, जो जनवरी 2024 में घटकर 35 अरब डॉलर रह गई। फोनपे को अलग करने के बाद, फ्लिपकार्ट का मार्केट कैपिटलाइजेशन काफी कम हो गया।
फ्लिपकार्ट ने फोनपे को अलग करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि यह कंपनी को अपने ई-कॉमर्स बिजनेस पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा। (Flipkart) फोनपे भारत का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म है और इसकी वैल्यू 55 अरब डॉलर से अधिक है।
फ्लिपकार्ट के लिए यह गिरावट चिंता का विषय है, क्योंकि यह कंपनी अमेज़ॅन (Amazon) से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रही है। अमेज़ॅन भारत में ई-कॉमर्स मार्केट में लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।
- Advertisement -
फ्लिपकार्ट को अपनी मार्केट वैल्यू को बढ़ाने के लिए नए रणनीति बनाने होंगे। (Flipkart) कंपनी को अपने ई-कॉमर्स बिजनेस में नए उत्पादों और सेवाओं को लाना होगा, साथ ही अपनी मार्केटिंग रणनीति को भी मजबूत करना होगा।
Flipkart: मार्केट वैल्यू को इस तरह से देखना गलत- फ्लिपकार्ट
उधर, फ्लिपकार्ट ने वॉलमार्ट की रिपोर्ट के आधार पर लगाए गए मूल्यांकन को खारिज किया है. फ्लिपकार्ट प्रवक्ता ने कहा कि मार्केट वैल्यू को इस तरह से देखना गलत है. फोनपे को हमने साल 2023 में अलग किया था. (Flipkart) इसके चलते मार्केट वैल्यू में एडजस्टमेंट हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, पिछली बार कंपनी का मूल्यांकन साल 2021 में किया गया था. उस समय ई-कॉमर्स कंपनी के कुल मूल्य में फिनटेक फर्म फोनपे का मूल्यांकन भी शामिल था. कंपनी के वैल्युएशन में कोई कमी नहीं आई है. फोनपे की मार्केट वैल्यू जनरल अटलांटिक, टाइगर ग्लोबल, रिबिट कैपिटल और टीवीएस कैपिटल फंड द्वारा फिलहाल 12 अरब डॉलर लगाई गई है.
पिछले वित्त वर्ष 4,846 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ
फ्लिपकार्ट को वित्त वर्ष 2023 में 4,846 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ था. साथ ही ई कॉमर्स कंपनी की कुल आय 56,012.8 करोड़ रुपये रही थी. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का कुल खर्च 60,858 करोड़ रुपये रहा था.