Abortion Law: 4 मार्च 2024 को फ्रांस इतिहास रचने वाला पहला देश बन गया, जिसने गर्भपात को संवैधानिक अधिकार घोषित किया। 1958 के संविधान में संशोधन करते हुए, फ्रांसीसी सांसदों ने महिलाओं को गर्भपात का निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार प्रदान कर दिया। इस ऐतिहासिक संवैधानिक बदलाव के पक्ष में 780 और विरोध में केवल 72 वोट पड़े।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस फैसले को गर्व का विषय बताते हुए कहा कि यह पूरी दुनिया को एक संदेश देगा। (Abortion Law) उन्होंने कहा, “आज, हमने महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।”
यह मॉडर्न फ्रांस के दस्तावेज में 2008 के बाद 25वां संशोधन है। (Abortion Law) इस ऐतिहासिक फैसले के बाद लोगों ने एफिल टावर पर इकट्ठा होकर “मेरा शरीर, मेरा अधिकार” के नारे लगाए और अपना समर्थन जताया।
- Advertisement -
यह संवैधानिक बदलाव गर्भपात के अधिकार को मजबूत करने और महिलाओं को प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में स्वतंत्र निर्णय लेने की स्वतंत्रता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Abortion Law: ‘आपके लिए नहीं ले सकता कोई और फैसला’
गर्भपात को संवैधानिक अधिकार बनाने वाले संसोधन पर वोटिंग से पहले फ्रांस के प्रधानमंत्री गैब्रियल एटल ने संसद में कहा कि गर्भपात का अधिकार खतरे में था और निर्णय लेने वालों की दया पर निर्भर था. उन्होंने कहा कि हम सभी महिलाओं को एक संदेश दे रहे हैं कि आपके शरीर पर आपका ही अधिकार है और कोई दूसरा इसे लेकर फैसला नहीं कर सकता है.
संसद में इस संसोधन का विरोध कर रहे नेताओं ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों पर सियासी फायदे के लिए संविधान का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. आलोचकों का कहना है कि इस संविधान संसोधन अपनेआप में गलत है और गैर-जरूरी है. उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति मैक्रों इसके जरिए वामपंथी विचारों को बढ़ावा दे रहे हैं.
फ्रांस के संविधान में ये बदलाव ऐसे समय में किया गया है, जब 2022 में अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के अधिकार को खत्म कर दिया है. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से अब अलग-अलग राज्य अपने स्तर पर गर्भपात को रोकने के लिए बैन लगा सकते हैं. इस फैसले से लाखों महिलाओं के गर्भपात के अधिकार खत्म हो गए हैं.