
Saudi Arabia-Pakistan Defense Deal: पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रणनीतिक रक्षा समझौते (defense deal) ने दक्षिण एशिया की राजनीति में खलबली मचा दी है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बीते शुक्रवार (19 सितंबर, 2025) को बड़ा बयान देते हुए कहा कि यदि भविष्य में कभी भी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है तो सऊदी अरब पूरी तरह से पाकिस्तान का साथ खड़ा दिखेगा। उनके इस दावे के बाद अब वैश्विक स्तर पर कई बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।
Saudi Arabia-Pakistan Defense Deal: ख्वाजा आसिफ का बड़ा बयान
ख्वाजा आसिफ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह समझौता बिल्कुल NATO के अनुच्छेद 5 की तरह है। इसमें साफतौर से कहा गया है कि यदि किसी एक सदस्य पर हमला होता है तो उसे सभी पर हमले के रूप में ही लिया जायेगा। (Saudi Arabia-Pakistan Defense Deal) उन्होंने कहा कि भारत यदि पाकिस्तान पर हमला करता है तो सऊदी अरब भी हमारी रक्षा में खड़ा दिखाई देगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह समझौता पूरी तरह रक्षात्मक है, आक्रामक नहीं।
परमाणु हथियारों पर भी हुआ खुलासा
सबसे हैरान कर देने वाली बात तब सामने आई जब ख्वाजा आसिफ ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार भी सऊदी अरब को उपलब्ध कराने में सहायता करेगा। (Saudi Arabia-Pakistan Defense Deal) हालांकि पाकिस्तान की आधिकारिक नीति के मुताबिक उसके परमाणु हथियार केवल भारत के खिलाफ ही इस्तेमाल किए जा सकते हैं, लेकिन मंत्री ने दावा किया कि ‘हमारी क्षमताएं इस समझौते के अंतर्गत बिल्कुल उपलब्ध होंगी।’ उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा अपने परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण की अनुमति दी है और कभी नियमों का उल्लंघन नहीं किया।
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सऊदी अरब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस समझौते की पुष्टि की और कहा कि यह एक व्यापक रक्षा सहयोग है। इसमें सैन्य संसाधनों, हथियारों और सुरक्षा व्यवस्थाओं से जुड़े सभी पहलू शामिल हैं। (Saudi Arabia-Pakistan Defense Deal) समझौते की एक आवश्यक शर्त के मुताबिक, पाकिस्तान या सऊदी अरब में से किसी एक पर हमला दोनों देशों पर हमले के तौर पर ही देखा जाएगा।
शाहबाज़ शरीफ के दौरे के दौरान हुई डील
जानकारी के मुताबिक यह डील पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ के हालिया रियाद दौरे के दौरान फाइनल हुआ। यह समझौता अब दोनों देशों की रक्षा साझेदारी को नई दिशा दे सकता है।
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए इस डिफेंस डील को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीर चिंता जताई जा रही है। खासकर इसमें परमाणु हथियारों की उपलब्धता का जिक्र होने से भारत सहित कई देशों में चर्चा ने ज़ोर पकड़ लिया है। (Saudi Arabia-Pakistan Defense Deal) विशेषज्ञों के मुताबिक यदि भारत-पाकिस्तान के बीच टेंशन बढ़ता है तो यह समझौता खाड़ी देशों की राजनीति और मध्य एशिया की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
भारत पर नजरें
भारत की अब तक इस डील पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है, लेकिन रणनीतिक जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान का यह बयान कहीं न कहीं भारत पर दबाव बनाने का प्रयास हो सकता है। (Saudi Arabia-Pakistan Defense Deal) पाकिस्तान पहले भी कई बार सऊदी अरब और अन्य मुस्लिम देशों से समर्थन का दावा करता रहा है, लेकिन इस बार खुले तौर पर परमाणु हथियारों तक की बात करना बेहद गंभीर माना जा रहा है। यह बयान और डील आने वाले वक़्त में भारत, पाकिस्तान और सऊदी अरब के रिश्तों पर क्या प्रभाव डालेगा, इस पर पूरे विश्व की नजरें टिकी हुई हैं।