
Period Delay Pills: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पॉडकास्ट बहुत वायरल हो रहा है. पॉडकास्ट का नाम नाम है ‘रीबूटिंग द ब्रेन’. वजह है 14 अगस्त को पब्लिश हुआ पॉडकास्ट का एक एपिसोड. इसमें सीनियर वैस्कुलर सर्जन, डॉ. विवेकानंद ने न्यूरोसर्जन डॉ. शरण श्रीनिवासन के साथ एक वाकया शेयर किया. उन्होंने बताया कि एक 18 साल की लड़की अपने दोस्तों के साथ उनके अस्पताल आई थी. उसकी एक टांग में दर्द था. सूजन थी, जो जांघ तक फैली हुई थी. (Period Delay Pills) लड़की बहुत तकलीफ में थी. उसने बताया कि अपनी पीरियड्स को रोकने के लिए उसने हॉर्मोनल गोलियां ली थीं क्योंकि उसके घर में पूजा थी.
डॉक्टर ने लड़की की हालत देखते हुए तुरंत एडमिट होने की सलाह दी. लड़की के पिता से बात भी की. लेकिन लड़की के पिता ने अपनी बेटी को तुरंत एडमिट करने से मना कर दिया. कहा, वो अगले दिन सुबह डॉक्टर से आकर मिलेंगे. (Period Delay Pills) पर उसी रात लड़की को अचानक अस्पताल में भर्ती किया गया. उसकी सांसें बंद हो चुकी थीं. डॉक्टरों ने उसे बचाने की कोशिश की. मगर अफसोस कि उसे बचाया नहीं जा सका.
दरअसल पीरियड्स रोकने की हॉर्मोनल दवाएं लेने के बाद, उस लड़की को डीप वेन थ्रॉम्बोसिस नाम की गंभीर बीमारी हो गई थी. हॉर्मोनल गोलियां लेने से ऐसा हो सकता है. लेकिन डीप वेन थ्रॉम्बोसिस होने के और भी कारण होते हैं.
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हमने मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, फरीदाबाद में रोबोटिक, मिनिमली इनवेसिव, बैरियाट्रिक एंड जनरल सर्जरी के कंसल्टेंट डॉक्टर बीरबल कुमार से समझा कि डीप वेन थ्रॉम्बोसिस क्या होता है. (Period Delay Pills) ये क्यों होता है. इसके लक्षण क्या हैं. इससे कैसे बचा जा सकता है और इसका इलाज क्या है.
डॉक्टर बीरबल ने बताया कि डीप वेन थ्रॉम्बोसिस एक कंडीशन है. इसमें शरीर के अंदर, खासकर टांगों की नसों में खून का थक्का जम जाता है. ऐसा तब होता है, जब खून बहुत धीरे-धीरे बहता है या किसी एक नस में बहुत देर तक ठेहरा रहता है. ऐसे में खून वहां जम जाता है और थक्का बन जाता है.
ऐसा होने के कई कारण हैं. जैसे बहुत देर तक एक ही जगह पर बैठे रहना. मिसाल के तौर पर एक लंबी फ्लाइट में, या किसी बीमारी के चलते लंबे वक्त से बेड रेस्ट पर होना.
इसके अलावा, नस में चोट लगने की वजह से भी ऐसा हो सकता है. (Period Delay Pills) ये चोट सर्जरी के कारण भी लग सकती है. कुछ बीमारियों में भी डीप वेन थ्रॉम्बोसिस का ख़तरा होता है. जैसे कैंसर या उन बीमारियों में जिनमें खून के थक्के जम जाते हैं.
यही नहीं, कुछ दवाइयां, जैसे गर्भनिरोधक गोलियां या हॉर्मोनल थेरेपी भी डीप वेन थ्रॉम्बोसिस का रिस्क बढ़ा सकती हैं. जैसा कि इस केस में हुआ. उम्र बढ़ने पर शरीर की नसें कमज़ोर हो जाती हैं. अब अगर परिवार में डीप वेन थ्रॉम्बोसिस की हिस्ट्री है, तो इसका खतरा बढ़ जाता है.
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लक्षणों की बात करें तो इसमें शामिल हैं टांग में सूजन आना. दर्द होना, जो अक्सर पिंडली से शुरू होकर ऊपर तक जाता है. उस हिस्से का गर्म महसूस होना. (Period Delay Pills) स्किन का लाल या नीला पड़ जाना और नसें उभरी हुई लगना. (Period Delay Pills) कभी-कभी कोई लक्षण नहीं दिखता. फिर जब थक्का अचानक फेफड़ों तक पहुंच जाता है, तब पता चलता है. ये स्थिति जानलेवा हो सकती है.
डीप वेन थ्रॉम्बोसिस से बचने के लिए जरूरी है कि हर कुछ देर में उठकर चलें-फिरें. लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठें या लेटें न रहें. सफर के दौरान थोड़ी-थोड़ी देर में खड़े हो जाएं या पैरों को हिलाएं. रोज़ हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें. जैसे चलना. खूब पानी पिएं. (Period Delay Pills) बहुत ज्यादा कैफीन का सेवन न करें और शराब से दूरी बना लें. डॉक्टर की सलाह पर कम्प्रेशन सॉक्स पहनें. वज़न कंट्रोल में रखें और स्मोकिंग न करें. अगर डॉक्टर ने दवा दी है, तो उसे समय पर लें. सबसे ज़रूरी बात, कोई भी हॉर्मोनल दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न लें.
डीप वेन थ्रॉम्बोसिस का इलाज खून को पतला करने वाली दवाओं से किया जाता है, ताकि थक्का बड़ा न हो. (Period Delay Pills) कुछ मामलों में थक्का तोड़ने वाली दवाएं भी दी जाती हैं. मरीज को खास टाइट सॉक्स पहनने पड़ सकते हैं. अगर हालत क्रिटिकल होती है, तो सर्जरी या नस में एक छोटा फिल्टर लगाना पड़ सकता है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें.