India-Maldives Ties: मालदीव में भारत के नवनियुक्त उच्चायुक्त जी बालासुब्रमण्यम ने सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति को परिचय दिया। साथ ही दोनों देशों ने विकास सहयोग, विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की।
बाला सुब्रमण्यम 1998 बैच के आईएफएस अफसर हैं। (India-Maldives Ties) उन्होंने मालदीव में भारत के उच्चायुक्त के तौर पर मनु महावर का स्थान लिया है। महावर का कार्यकाल पिछले वर्ष नवंबर में समाप्त हो गया था। मालदीव में भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि उच्चायुक्त जी बालासुब्रमण्यम ने मालदीव के राष्ट्रपति महामहिम मोहम्मद मुइज्जू को अपने परिचय पत्र प्रस्तुत किए। साथ ही प्राकृतिक साझेदार होने के नाते भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की।
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यालय ने कहा कि भारतीय उच्चायुक्त के परिचय पत्र को राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया तथा मालदीव में भारत के उच्चायुक्त के रूप में उनका स्वागत किया। (India-Maldives Ties) बैठक के दौरान भारतीय उच्चायुक्त ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से राष्ट्रपति मुइज्जू को शुभकामनाएं दीं।
राष्ट्रपति कार्यालय के बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति और उच्चायुक्त ने विकास सहयोग बढ़ाने, मालदीव में भारत सरकार की परियोजनाओं, विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की गई। (India-Maldives Ties) इससे पहले उच्चायुक्त को मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के ड्रम और ट्रम्पेट बैंड के साथ हैयकोल्हू नामक सांस्कृतिक जुलूस के साथ रिपब्लिक स्क्वायर से राष्ट्रपति कार्यालय तक ले जाया गया।
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India-Maldives Ties: मुइज्जू की सरकार आने के बाद से खराब हो गए थे दोनों देशों के संबंध
नवंबर 2023 में मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू की सरकार आने के बाद से भारत और मालदीव के संबंधों में दरार आ गई थी। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के कुछ ही देर बाद मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की थी। भारतीय सैनिकों के जाने के बाद वहां सिविल अधिकारियों ने उनका स्थान ले लिया। (India-Maldives Ties) हालांकि, अक्तूबर में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान मुइज्जू ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की कसम भी खाई थी। मालदीव भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और विजन ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के तहत एक महत्वपूर्ण साझेदार है।