USA News: राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद अब ट्रंप अपनी सरकार के अहम पदों पर नियुक्तियों को लेकर मंथन कर रहे हैं। कई पदों पर नाम तय हो चुके हैं। अब खबर आई है कि डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा से सीनेटर मार्को रूबियो को अपनी सरकार में विदेश मंत्री बनाने का फैसला कर लिया है। (USA News) अमेरिकी मीडिया के अनुसार, मार्को रूबियो का नाम अभी आधिकारिक तौर पर तय नहीं हुआ है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि ट्रंप उनके नाम पर सहमत हैं।
USA News: उपराष्ट्रपति पद के थे संभावित उम्मीदवार
मार्को रूबियो अमेरिका के फ्लोरिडा से सीनेटर हैं। वह 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के साथ उपराष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवारों में शामिल थे। वह सीनेट में लंबे समय से विदेश मामलों से जुड़े रहे हैं। खासकर लातिन अमेरिका और पड़ोसी देशों के मामलों का उन्हें विशेषज्ञ माना जाता है। (USA News) अमेरिका के नए विदेश मंत्री पद की रेस में मार्को रूबियो का नाम लगातार चर्चा में बना हुआ है। साथ ही इस पद के लिए जर्मनी में अमेरिका के राजदूत रिक गार्नेल का भी नाम है। मार्को रूबियो ने भी अपनी संभावित नियुक्ति को लेकर खुशी जाहिर की और कहा कि वह हमेशा देश की सेवा करने के लिए तैयार हैं।
मार्को रूबियो क्यूबा मूल के अमेरिकी नागरिक हैं। पहले वे डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर आलोचक थे और साल 2016 में जब मार्को रूबियो और डोनाल्ड ट्रंप, दोनों रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की दावेदारी कर रहे थे, उस दौरान रूबियो ने ट्रंप को सबसे घटिया इंसान तक बता दिया था और उनकी खूब आलोचना की थी। (USA News) हालांकि बाद में दोनों के रिश्तों में सुधार हुआ और अब वे ट्रंप सरकार में अहम पद संभाल सकते हैं। मार्को रूबियो ने फ्लोरिडा विश्वविद्याल से साल 1993 में राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। वह साल 2010 में पहली बार अमेरिकी सीनेट के लिए चुने गए।
भारत समर्थक माने जाते हैं मार्को रूबियो
मार्को रूबियो भी नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ज की तरह ही भारत समर्थक माने जाते हैं। मार्को रूबियो ने इस साल जुलाई में अमेरिकी सीनेट में एक बिल पेश किया था, जिसमें उन्होंने भारत-अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने और पाकिस्तान पर आतंकवाद प्रायोजित करने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा मदद रोकने की मांग की थी। इस बिल में रूबियो ने कहा था कि साम्यवादी चीन के प्रभाव को रोकने के लिए भारत-अमेरिका के कूटनीतिक, रणनीतिक और आर्थिक संबंध मजबूत करने जरूरी हैं।