शाहिद कपूर और कृति सेनन स्टारर फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ रिलीज हो गई है. इसकी कहानी आर्यन नाम के रोबॉटिक्स इंजीनियर और सिफरा नाम की रोबोट पर आधारित है. आर्यन को सिफरा से प्यार हो जाता है और वो सारे सेंस भुलाकर उससे शादी करता है. कैसी है ये फिल्म जानें हमारे रिव्यू में.
हमारी एक पूरी जनरेशन को बॉलीवुड ने रोमांस सिखाया है. प्यार भरी निगाहों से अपने पार्टनर को देखना, हर मौके पर उसके साथ रहना और बार-बार उसके होंठों को चूमना… रोमांटिक फिल्मों के किरदारों का गो टू है. बड़े पर्दे पर आप जब ये सब सिंगल बैठकर देख रहे होते हैं तो बहुत अच्छा और ड्रीमी लगता है. दिल खुश होता है. लेकिन फिर आप रियलिटी में वापस आते हैं और देखते हैं कि यार, ये बढ़िया तो बहुत था, लेकिन ये सब सिर्फ फिल्मों में ही होता है. ऐसा ही कुछ आपको शाहिद कपूर और कृति सेनन की फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ देखकर भी महसूस होगा
क्या है फिल्म की कहानी?
इस फिल्म की कहानी भी एकदम हटके ही है. ये स्टोरी है आर्यन अग्निहोत्री (शाहिद कपूर) और सिफरा (कृति सेनन) की. दोनों की पसंद-नापसंद एक दूसरे से काफी मिलती-जुलती हैं, लेकिन बाकी चीजों में बेहद अलग हैं. क्यों? क्योंकि आर्यन एक इंसान है और सिफरा एक हाईली इंटेलिजेंट रोबोट. आर्यन एक रोबॉटिक्स इंजीनियर है, जो मुंबई के एक बड़े ऑफिस में काम करता है. उसकी जिंदगी काफी झक्कास है. उसमें बस एक पार्टनर और एक बाई की कमी है. बाई आर्यन खुद अपने नखरों से भगा देता है और पार्टनर पाने लायक उसकी किस्मत नहीं है. लेकिन उसकी इमोशनल मां शर्मिला (अनुभा फतेहपुरिया) उसकी शादी का ख्वाब सजा चुकी है. इसलिए उसका बचना काफी मुश्किल है.
आर्यन अपनी मौसी उर्मिला (डिम्पल कपाड़िया) के बेहद करीब है. उन्हीं की कंपनी की ब्रांच में वो काम भी करता है. उर्मिला उसे अपने अपने यूएस वाली ऑफिस में एक प्रोजेक्ट पर काम करने के बहाने बुलाती है. वहां पहुंचकर उर्मिला के घर में आर्यन की मुलाकात सिफरा से होती है. सिफरा की बातें, उसके हाव भाव और उसकी प्यारी हरकतों पर आर्यन अपना दिल हार बैठता है. बाद में उसे पता चलता है कि सिफरा इंसान नहीं रोबोट है. तब वो खुद को चीटेड महसूस करता है. लेकिन प्यार है, हो चुका है, तो उसपर किसका जोर है. बस अपनी फीलिंग्स के चलते आर्यन, सिफरा को टेस्टिंग के बहाने इंडिया लेकर आता है और उससे शादी करता है. अब सिफरा रोबोट है तो कुछ न कुछ गड़बड़ होनी तो पक्की है.
निर्देशन
डायरेक्टर अमित जोशी और आराधना शाह की बनाई फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ काफी लाइट हार्टेड है. इसकी कहानी काफी अलग और मजेदार है. इसमें मौज-मस्ती के साथ काफी सही जोक्स हैं, जिन्हें सुनकर आपको सही में हंसी आती है. VFX का ठीकठाक इस्तेमाल फिल्म में किया गया है. अमित और आराधना का निर्देशन काफी बढ़िया है. उन्होंने बहुत सिम्पल और फन तरीके से अपनी फिल्म को दर्शकों तक पहुंचाया है. आप इसमें बोर भी होते तो कोई दूसरा सीन आपको हंसा देता है और एंगेज कर लेता है. हां, कहानी थोड़ी नॉनसेंस भी लगती है, लेकिन इसके अपने मोमेंट्स भी हैं. आप आर्यन के सिफरा को लेकर स्ट्रगल को समझते हो. उसका कंट्रोल अपने इमोशन्स पर नहीं है, तो वो वही करता जा रहा है जो एक प्यार में पागल इंसान अपने टॉक्सिक पार्टनर के साथ करता है, सच्चाई को इग्नोर!
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परफॉरमेंस
आर्यन के किरदार में शाहिद कपूर ने काफी अच्छा काम किया है. उनका मस्तमौला और रोमांटिक अवतार देखना काफी रिफ्रेशिंग था. सिफरा के रोल में कृति सेनन जमी हैं. बिना इमोशन का रोबोट बनना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने इस रोल को बखूबी निभाया है. शाहिद कपूर और कृति सेनन की केमिस्ट्री इस फिल्म में कमाल है. दोनों एक साथ जबरदस्त फिट होते हैं. उनका रोमांस देकर आपका रोमांस करने का मन करने लगेगा. वैलेंटाइन वीक में देखने के लिए ये फिल्म काफी सही है. उनके अलावा धर्मेंद्र, डिम्पल कपाड़िया, राकेश बेदी, राजेश कुमार, अनुभा फतेहपुरिया, आशीष वर्मा, ग्रूशा कपूर और राशुल टंडन ने अपने किरदारों को काफी अच्छे से निभाया है. सभी मजेदार अंदाज में दिखे हैं.
इस फिल्म में काफी कमियां हैं, जिन्हें आप चाहें तो इग्नोर कर सकते हैं. रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों में ज्यादातर आप लॉजिक लगाना नहीं चाहते है. अगर वैसे ही ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ को देखेंगे तो आपको ये पसंद आएगी. फिल्म का क्लाइमैक्स अच्छा है. इसके गाने और बैकग्राउंड स्कोर भी सही है. लेकिन सिंगर राघव के ओरिजिनल गाने तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया को खराब करने के लिए कोई माफी मैं फिल्म के मेकर्स को नहीं दे सकती