Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का चुनाव प्रचार आज थमने वाला है, लेकिन यूपी में समाजवादी पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित होने के बाद उसका बदलने का सिलसिला नहीं थम रहा है। बीते दिनों सपा अपनी सबसे सुरक्षित सीट माने जानी वाली कन्नौज से उम्मीदवार की घोषणा की थी, यहां पर पार्टी ने अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव को टिकट दिया था, अब इसमें भी रार छिड़ गई है। ऐसी संभावनाओं का बल मिल रहा है, अगर तेज इस सीट से चुनाव नहीं लड़ते तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उतारने की तैयारी की जा रही है, क्योंकि एक समय यह सीट सपा का गढ़ रही, मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस अपने कब्जे में लिया है।
Lok Sabha Elections: अखिलेश यादव को चुनाव लड़ाने पर मंथन
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कन्नौज के सपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से गुजारिश की है कि वह घोषित उम्मीदवार तेज प्रताप यादव को बदलकर यहां से अखिलेश यादव को चुनाव लड़ाने के लिए उतारें। क्षेत्रीय नेताओं की इस गुजारिश के बाद से ऐसी संभावनाएं को बल मिल रहा है कि कन्नौज सीट अखिलेश यादव चुनाव लड़ सकते हैं। (Lok Sabha Elections) घोषित उम्मीदवार तेज प्रताप यादव का टिकट सकता है। (Lok Sabha Elections) हालांकि इस सीट से तेज प्रताप का टिकट कटेगा या फिर नहीं। इस पर फैसला हाईकामन को लेना है, लेकिन पार्टी के क्षेत्रीय नेताओं की बात करें तो उनकी इच्छा है कि यहां से अखिलेश यादव ही चुनाव लड़ें।
2019 से भाजपा पास कन्नौज किला
इत्री नगरी कन्नौज हमेशा से सपा गढ़ रही है। 2019 से पहले बीते कई सालों से यहां की जनता सपा के उम्मीदवारों को अपनाते हुए नई दिल्ली भेजती आई है। खुद यहां से सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ चुकी हैं और संसद भवन पहुंच चुकी हैं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के इस गढ़ में भाजपा ने तगड़ी सेंध मारी करते हुए इसको अपने कब्जे में कर लिया था। (Lok Sabha Elections) भाजपा के उम्मीदवार सुब्रत पाठक कन्नौज से सांसद चुने गए। अब कन्नौज किला भाजपा के पास है। ऐसे में लोकसभा चुनाव सिर पर है तो भाजपा इस किले को फिर से बचाने में जुटी हुई है तो वहीं अखिलेश इस किले को फिर से जीतकर सपा का गढ़ बनाना चाह रहे हैं। अभी तक के चुनाव में कन्नौज में भाजपा सपा से आगे चलती हुई दिखाई दे रही है, इसलिए सपाईयों ने यहां से प्रत्याशी बदलने की मांग करते हुए अखिलेश यादव को उतारने को कहा है, जबकि अखिलेश यादव खुद कह चुके हैं कि कन्नौज की जनता जो कहेगी, वो मैं करूंगा।
कन्नौज सीट को लेकर काफी दिनों से सपा असमंजस की स्थिति थी। पार्टी यह फैसला नहीं कर पा रही थी कि यहां से किसको उतारा जाए। यह तक कहा जा रहा था कि अखिलेश यावद खूद यहां से चुनाव लड़ सकते हैं। (Lok Sabha Elections) मगर बीते दिनों पार्टी ने तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारकर इस असमंजस की स्थिति को खत्म किया दिया था। हालांकि यह स्थिति अब फिर से उभर आई है, अब तेज प्रताप यादव को हटाकर अखिलेश यादव को चुनाव लड़ने की मांग हो रही है।
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कौन हैं तेज प्रताप यादव?
तेज प्रताप यादव के पिता रणवीर सिंह यादव अखिलेश यादव के चचेरे भाई थे। रणवीर सिंह यादव का निधन 36 वर्ष की उम्र में हो गया था। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी मृदुला यादव एवं तेज प्रताप की राजनीति में आईँ और वह सैफई की ब्लॉक प्रमुख रहीं। तेज प्रताप यादव मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं। (Lok Sabha Elections) मुलायम सिंह यादव द्वारा साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में दो जगहों चुनाव जीते पर मैनपुरी सीट छोड़ दी थी, जिसके बाद उपचुनाव हुए थे और इसमें तेज प्रताप यादव की जीत हुई थी। 2014 में मुलायम सिंह ने आजमगढ़ और मैनपुरी की सीट जीती थी। तेज प्रताप पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं। तेज प्रताप की पत्नी का नाम राजलक्ष्मी है। तेज प्रताप ने कर्नल ब्राउन कैंब्रिज स्कूल, देहरादून और दिल्ली पब्लिक स्कूल, नोएडा से पढ़ाई की है। लीड्स यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल से एमबीए की डिग्री हासिल की।