Bangladesh Khaleda Zia Dies: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की प्रमुख खालिदा जिया (Khaleda Zia Death News) अब हमारे बीच नहीं रहीं। उनके निधन की खबर ने समर्थकों से लेकर राजनीतिक विरोधियों तक सभी को भावुक कर दिया। बांग्लादेश की राजनीति आज गहरे शोक में डूब गई। एक ऐसी नेता, जिसने दशकों तक देश की राजनीति को दिशा दी, आज हमेशा के लिए खामोश हो गई।
Bangladesh Khaleda Zia Dies: मंगलवार सुबह ली अंतिम सांस
खालिदा जिया का निधन मंगलवार सुबह करीब 6 बजे हुआ। उनकी उम्र 80 वर्ष थी। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए उनके निधन की पुष्टि की। पार्टी ने कहा कि उनकी प्रिय राष्ट्रीय नेता अब इस दुनिया में नहीं रहीं। (Bangladesh Khaleda Zia Dies) बताया गया कि फज्र की नमाज के तुरंत बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। लंबे समय से बीमार चल रहीं खालिदा जिया की हालत बीते कुछ दिनों में लगातार बिगड़ती जा रही थी।
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लंबे समय से चल रही थी गंभीर बीमारियां
डॉक्टरों के अनुसार, खालिदा जिया कई गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं। उन्हें लिवर सिरोसिस, गठिया, डायबिटीज के साथ-साथ दिल और सीने से जुड़ी समस्याएं थीं। (Bangladesh Khaleda Zia Dies) इसके अलावा किडनी, फेफड़े और आंखों से जुड़ी पुरानी बीमारियां भी उन्हें काफी परेशान कर रही थीं। इन सभी कारणों से उनकी सेहत लगातार कमजोर होती चली गई।
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36 दिनों से अस्पताल में चल रहा था इलाज
खालिदा जिया को 23 नवंबर को हार्ट और लंग्स में संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से लेकर अब तक करीब 36 दिनों तक उनका इलाज चलता रहा। (Bangladesh Khaleda Zia Dies) उनके इलाज की जिम्मेदारी एक विशेष मेडिकल बोर्ड को दी गई थी, जिसकी अध्यक्षता कार्डियोलॉजिस्ट शहाबुद्दीन तालुकदार कर रहे थे। इस बोर्ड में बांग्लादेश के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल थे।
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विदेश ले जाने की कोशिश भी नाकाम
इस महीने की शुरुआत में उन्हें बेहतर इलाज के लिए विदेश ले जाने की कोशिश की गई थी, लेकिन उनकी हालत इतनी नाजुक थी कि डॉक्टरों ने यात्रा की अनुमति नहीं दी। इसके बाद उनका इलाज ढाका में ही जारी रखा गया।
खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने देश की राजनीति में गहरी छाप छोड़ी। उनके निधन के साथ ही बांग्लादेश की राजनीति के एक बड़े अध्याय का अंत हो गया है। आज देश उन्हें एक मजबूत नेता और संघर्षशील व्यक्तित्व के रूप में याद कर रहा है।
