Delhi Car Blast: दिल्ली के लाल किले पर हुए कार ब्लास्ट की जांच में एक नया खुलासा हुआ है. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को पता चला है कि ये ब्लास्ट अचानक नहीं हुआ, बल्कि इसकी प्लानिंग 2023 से ही चल रही थी. साथ ही इस ब्लास्ट में 40 किलोग्राम हाई ग्रेड विस्फोटक की इस्तेमाल की बात भी सामने आई है. (Delhi Car Blast) ब्लास्ट की जगह की फॉरेंसिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि धमाका करने के लिए अमोनियम नाइट्रेट और ट्राइऐसीटॉन ट्राइपेरोक्साइड (TATP ) का इस्तेमाल किया गया. ये बहुत ही रेयर केमिकल हैं जिनकी बिक्री और ट्रांसपोर्टेशन, सब कुछ काफी कड़ाई से किया जाता है.
NIA को पता चला है कि कार चलाने और उसे धमाका कर उड़ाने वाला उमर नबी (Umar Nabi) और उसके साथी 2023 से ही इस ब्लास्ट की प्लानिंग कर रहे थे. उनका प्लान पहले जम्मू-कश्मीर में धमाका करने का था. (Delhi Car Blast) लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा उनके मॉड्यूल का पर्दाफाश किए जाने के बाद उन्होंने जगह बदल दी और दिल्ली को चुना. इस मामले पर बात करते हुए एक सूत्र ने बताया,
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सूत्र ने आगे बताया कि NIA को यह भी पता चला है कि आरोपी ने अमोनियम नाइट्रेट और फर्टिलाइजर का स्टॉक हरियाणा के सोहना, गुड़गांव और नूंह की दुकानों से खरीदा था. (Delhi Car Blast) जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद के धौज गांव में एक आरोपी के किराए के घर से 358 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया था, जिसके अमोनियम नाइट्रेट होने का शक था. NIA ने अब तक इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है.
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वहीं, इस मामले में दिल्ली की एक कोर्ट ने सात आरोपियों- डॉ अदील राथर, डॉ मुजम्मिल गनई, डॉ शाहीन सईद, मौलवी इरफान अहमद वागे, जासिर बिलाल वानी, आमिर राशिद अली और सोयब की न्यायिक हिरासत 8 जनवरी, 2026 तक बढ़ा दी है.
