Gujarat Earthquake: गुजरात के कच्छ में आज शुक्रवार को सुबह-सुबह धरती अचानक हिलने लगी। लोग गहरी नींद में थे, तभी कुछ सेकंड के लिए आए भूकंप के झटकों ने दहशत पैदा कर दी। कई लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। हालांकि राहत की बात यह रही कि अब तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है, लेकिन झटकों ने एक बार फिर प्रकृति की ताकत का एहसास करा दिया।
Gujarat Earthquake: कब और कितनी तीव्रता का था भूकंप?
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, आज सुबह करीब 4 बजकर 30 मिनट पर भूकंप दर्ज किया गया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 मापी गई। (Gujarat Earthquake) भूकंप का केंद्र कच्छ से करीब 160 किलोमीटर दूर राजकोट क्षेत्र में था और यह जमीन से लगभग 10 किलोमीटर नीचे उत्पन्न हुआ। तीव्रता मध्यम होने के कारण झटके साफ महसूस किए गए, लेकिन बड़े नुकसान से बचाव हो गया।
कच्छ क्यों रहता है संवेदनशील?
कच्छ का इलाका भूकंपीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है। (Gujarat Earthquake) इतिहास गवाह है कि इस क्षेत्र ने पहले भी विनाशकारी भूकंप झेले हैं। यही वजह है कि यहां हल्की तीव्रता के भूकंप भी लोगों को डरा देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे झटके भविष्य के लिए चेतावनी होते हैं और सतर्कता बेहद जरूरी है।
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भूकंप से पहले और दौरान सावधानी क्यों जरूरी?
भूकंप अचानक आता है, लेकिन तैयारी पहले से हो तो नुकसान कम किया जा सकता है। घरों को भूकंप प्रतिरोधी बनाना, दीवारों और छतों की मरम्मत कराना और भारी सामान सुरक्षित जगह रखना जरूरी होता है। जब भूकंप के झटके महसूस हों तो घबराने की बजाय शांत रहना सबसे अहम होता है। (Gujarat Earthquake) घर के अंदर हों तो मजबूत टेबल के नीचे झुककर सिर को ढकना और झटके रुकने तक सुरक्षित रहना चाहिए। बाहर निकलते समय लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और इमारतों, पेड़ों व खंभों से दूरी बनाए रखना जरूरी है।
भूकंप के बाद भी न बरतें लापरवाही
झटके थमने के बाद भी सतर्क रहना जरूरी होता है। क्षतिग्रस्त इमारतों में दोबारा प्रवेश नहीं करना चाहिए और सीढ़ियों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। अगर कोई मलबे में फंस जाए तो धैर्य रखना बेहद जरूरी है। माचिस जलाने से बचें, मुंह को कपड़े से ढकें और दीवार या पाइप पर खटखटाकर मदद का संकेत दें।
