G20 Summit 2025: दक्षिण अफ्रीका में इस हफ्ते होने जा रहे G-20 शिखर सम्मेलन से ठीक पहले एक ऐसा फैसला सामने आया जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी। दुनिया के सबसे प्रभावशाली देशों में से एक, अमेरिका के राष्ट्रपति ने सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। (G20 Summit 2025) यह खबर सामने आते ही कूटनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई कि आखिर इतनी अहम बैठक से अमेरिका किन हालात में खुद को दूर कर रहा है।
G20 Summit 2025: तनाव बढ़ाने वाली शुरुआत
इस बार G-20 सम्मेलन की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका और अध्यक्षता अमेरिका को मिलनी है। ऐसे में उम्मीद थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति खुद इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। (G20 Summit 2025) लेकिन शुक्रवार को वॉइट हाउस ने साफ कर दिया कि राष्ट्रपति भाग नहीं लेंगे, और उनकी जगह सिर्फ अमेरिकी दूतावास का एक प्रतिनिधि समापन समारोह में औपचारिक रूप से अध्यक्षता ग्रहण करने के लिए शामिल होगा। यह फैसला अचानक नहीं आया। इसके पीछे पिछले कुछ दिनों में हुई कई कूटनीतिक टिप्पणियों और राजनीतिक तल्खी का असर साफ देखा जा सकता है।
वॉइट हाउस ने बताई नाराजगी की असली वजह
वॉइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के बयानों ने अमेरिकी राष्ट्रपति और उनकी टीम को नाराज कर दिया। (G20 Summit 2025) लेविट ने कहा, “दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति अमेरिका और अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ बयान दे रहे हैं। यह भाषा हमें स्वीकार नहीं।” उनका यह बयान रामफोसा की हालिया टिप्पणी के बाद आया जिसमें दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया था कि अमेरिका शायद अपना बहिष्कार वापस ले सकता है।
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रामफोसा ने एक कार्यक्रम में कहा था, “बॉयकॉट की राजनीति काम नहीं करती। G-20 के टेंट के अंदर रहना, बाहर रहने से बेहतर है।” उन्होंने आगे बताया कि अमेरिका ने उन्हें एक नोटिस भेजा है और वे उम्मीद कर रहे हैं कि शायद राष्ट्रपति किसी न किसी रूप में शामिल हों। लेकिन अब यह संभावना खत्म हो गई है।
ट्रंप के बयान बने विवाद की जड़
पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ सप्ताह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमेरिकी अधिकारी G-20 सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। (G20 Summit 2025) उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका में “गोरे अल्पसंख्यक किसानों पर हिंसक अत्याचार” हो रहे हैं और अमेरिका इसका विरोध कर रहा है। दक्षिण अफ्रीका ने ट्रंप के इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया और इसे आधारहीन बताया।
रामफोसा ने निराशा जताते हुए कहा था, “अमेरिका के बहिष्कार का मतलब होगा कि सम्मेलन के अंत में अध्यक्षता एक खाली कुर्सी को सौंपनी पड़ेगी।”
सम्मेलन से पहले बढ़ी कूटनीतिक खाई
22–23 नवंबर को जोहांसबर्ग में होने जा रहा G-20 सम्मेलन पहले ही कई वैश्विक मुद्दों के कारण संवेदनशील था। लेकिन अमेरिका के अप्रत्याशित कदम ने इसकी राजनीति को और जटिल बना दिया है। (G20 Summit 2025) अब पूरी दुनिया की नजर इस बात पर टिकी है कि अमेरिका की अनुपस्थिति G-20 के फैसलों और भविष्य की दिशा को कैसे प्रभावित करेगी।
