India-Pakistan nuclear war Trump claim: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुए सैन्य टकराव को लेकर सनसनीखेज दावे के साथ चर्चा में हैं। ट्रंप ने दोहराया है कि दोनों पड़ोसी देश परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के साथ युद्ध की दहलीज पर खड़े थे, जिसे उन्होंने अपनी ‘आर्थिक धमकी’ से रोक दिया था। (India-Pakistan nuclear war Trump claim) यह पहली बार है जब उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने दोनों देशों पर 350 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी थी ताकि वे पीछे हट जाएं। ट्रंप का यह दावा वैश्विक मंच पर एक बार फिर बड़े विवाद को जन्म दे सकता है।
India-Pakistan nuclear war Trump claim: मई में 88 घंटे का ‘परमाणु संकट’
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए दावा किया कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था। उन्होंने इस संकट को ’88 घंटे का युद्ध’ बताते हुए कहा कि दोनों देश परमाणु हथियार लेकर बाहर निकलने वाले थे। यह दावा तब आया है जब वह पहले भी दर्जनों बार इस सैन्य टकराव को खुद के प्रयासों से रुकवाने का श्रेय ले चुके हैं। हालांकि, 350 प्रतिशत टैरिफ की धमकी का दावा उन्होंने पहली बार किया है। (India-Pakistan nuclear war Trump claim) ट्रंप के अनुसार, उन्होंने नई दिल्ली और इस्लामाबाद को चेतावनी दी थी कि अगर वे युद्ध की ओर बढ़ते हैं तो उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने दोनों देशों को यह साफ कर दिया था कि वे अमेरिका के साथ किसी भी तरह के व्यापारिक संबंध जारी नहीं रख पाएंगे।
‘350 प्रतिशत टैरिफ’ का ब्रह्मास्त्र
डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि उन्होंने दोनों देशों को किस तरह सख्त संदेश दिया था। उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान, वे परमाणु हथियार लेकर बाहर निकलने वाले थे। मैंने कहा, ठीक है, आप कर सकते हैं, लेकिन मैं हर देश पर 350 प्रतिशत टैरिफ लगा रहा हूँ। (India-Pakistan nuclear war Trump claim) अब अमेरिका के साथ कोई व्यापार नहीं होगा।” ट्रंप की यह धमकी, जो उनकी ‘अमेरिका फर्स्ट’ की व्यापार नीति के अनुरूप है, यह दिखाती है कि उन्होंने कूटनीति के बजाय आर्थिक दबाव को अपने मुख्य हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। उनका मानना है कि इस भारी-भरकम टैरिफ की चेतावनी ने दोनों देशों को युद्ध में जाने से पहले आर्थिक परिणामों के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया।
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वैश्विक मंच पर दावे की विश्वसनीयता
ट्रंप का यह दावा, जिसे वह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ या किसी अन्य नाम से संबोधित करते रहे हैं, दोनों देशों के बीच तनाव को लेकर उनके सीधे हस्तक्षेप को दर्शाता है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के विशेषज्ञ अक्सर उनके इन दावों पर सवाल उठाते रहे हैं, क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही आधिकारिक तौर पर कभी भी परमाणु युद्ध की तैयारी का संकेत नहीं दिया था। (India-Pakistan nuclear war Trump claim) फिर भी, एक अमेरिकी राष्ट्रपति का यह कहना कि उन्होंने अपने व्यापारिक दबाव की धमकी से दो परमाणु शक्तियों के बीच युद्ध को रोका, एक शक्तिशाली और सनसनीखेज राजनीतिक बयान है, जिसका उद्देश्य वैश्विक शांति निर्माता के रूप में अपनी छवि को मजबूत करना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अब भारत और पाकिस्तान की तरफ से इस नए और बड़े दावे पर क्या प्रतिक्रिया आती है।
