Bangladesh political crisis: बांग्लादेश की राजनीति मौजूदा हालात में एक ‘बड़े निर्णायक’ मोड़ पर खड़ी है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सजा-ए-मौत फैसला सामने आने के बाद से जहां पूरे देश में भयंकर तनाव बना हुआ है, वहीं अब हसीना ने इस संकट को नए राजनीतिक मौके में तब्दील देने की तैयारी शुरू कर दी है। (Bangladesh political crisis) हाल ही के एक रिपोर्ट्स के अनुसार, आवामी लीग आगामी दिनों में एक नए ‘कार्यकारी अध्यक्ष’ की नियुक्ति कर सकती है, जो ढाका में सरकार-विरोधी जमीन तैयार करने की जिम्मेदारी लेगा। इस रेस में सबसे बड़ा नाम जो सामने आ रहा है, वो है -सलीना हयात इवी… जो फिलहाल जेल में बंद हैं।
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Bangladesh political crisis: कौन हैं सलीना हयात इवी?
आपको बता दे, ‘सलीना हयात इवी’ का नाम बांग्लादेश की सियासत में कोई नया नहीं है। वे नारायणगंज की पूर्व मेयर के रूप में कार्यभार संभाल चुकी हैं और शेख हसीना की बेहद करीबी मानी जाती हैं। (Bangladesh political crisis) लेकिन इन सबके बीच सबसे दिलचस्प बात यह है कि ‘ढाका हाईकोर्ट’ से जमानत मिलने के बावजूद वे अब भी जेल में बंद हैं। सलीना पर आरोप है कि जुलाई महीने में छिड़े विद्रोह के दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार करवाए। हालांकि उनके समर्थक इन आरोपों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हैं।
59 साल की सलीना को राजनीति ‘विरासत’ में मिली है और वे शेख हसीना के साथ उस वक़्त भी सक्रिय रहीं जब आवामी लीग सत्ता से बाहर हो गयी थी। (Bangladesh political crisis) यही वजह है कि पार्टी के अंदर उन्हें एक विश्वसनीय चेहरा माना जाता है। जानकारी के मुताबिक, हसीना चाहती हैं कि सलीना को कमान देकर पार्टी में ‘सहानुभूति और एकता’ का माहौल बनाया जाए।
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यदि सलीना नहीं तो कौन?
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के आधार पर जो जानकारी सामने आ रही है वो ये है कि, अगर किसी कारण से सलीना को कार्यकारी अध्यक्ष नहीं बनाया जाता है, तो दो और नाम मजबूत दावेदारों के रूप में सामने हैं:
- पूर्व स्पीकर शिरीन शर्मिन चौधरी
- पूर्व सांसद साबिर हुसैन चौधरी
दोनों नेता ‘आवामी लीग’ के वरिष्ठ और प्रभावशाली चेहरे हैं, जो संकट की इस घड़ी में पार्टी को नई दिशा देने का प्रबल रूप सी अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं।
ग्राउंड पर फिर सक्रिय आवामी लीग के कार्यकर्ता
यूनुस सरकार द्वारा आवामी लीग को बैन किए जाने के दावे के बाद भी, पार्टी के कार्यकर्ता लगातार सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। बीते 48 घंटों में लगभग 1600 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी ने देश में तनाव और अधिक बढ़ा दिया है। (Bangladesh political crisis) इस वक़्त ढाका, मैमनसिंह मार्ग, गाजीपुर और गोपालगंज जैसे इलाकों में सबसे अधिक हलचल देखी जा रही है।
अभी हाल ही की एक जारी वीडियो में शेख हसीना ने संदेश में कहा था –
“आवामी लीग को दबाया नहीं जा सकता। यदि यूनुस सरकार हमें रोकने का प्रयास करेगी, तो हम उसे उखाड़ फेंकेंगे।”
साजिद वाजिद के बयान से बढ़ीं अटकलें
ब्रिटेन में बैठे शेख हसीना के बेटे ‘साजिद वाजिद’ ने भी सरकार को खुले तौर पर चुनौती दे दी है। उन्होंने कहा कि उनकी मां को ‘प्लान के अंतर्गत दोषी’ ठहराया गया है और वे जल्द ही बांग्लादेश वापस लौटकर यूनुस सरकार को गिरा देंगे। Bangladesh political crisis) बता दे, साजिद को बांग्लादेश में लंबे वक़्त से हसीना का ‘राजनीतिक उत्तराधिकारी’ माना जाता रहा है।
क्या सच में आने वाला है बांग्लादेश की सियासत में बड़ा परिवर्तन?
सलीना हयात को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की तैयारी के बाद यह स्पष्ट है कि आवामी लीग एक बार फिर सीधी टक्कर के लिए मैदान में उतर रही है।
जेल में बंद एक महिला नेता को कमान सौंपना न सिर्फ राजनीतिक रूप से साहसिक कदम होगा, बल्कि यह बांग्लादेश की सियासत में नया मोड़ भी ला सकता है। अब… आगामी दिनों में पता चलेगा कि ‘ढाका की सड़कों’ पर क्या तस्वीर बनती है।
