Nuclear Test Race: दुनिया में एक बार फिर परमाणु परीक्षणों की दौड़ शुरू होने का खतरा बढ़ गया है। पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने हलचल मचाई और अब रूस ने भी संकेत दिए हैं कि वह परमाणु परीक्षणों की तैयारी कर सकता है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निर्देश पर इस दिशा में व्यवहार्यता अध्ययन (Feasibility Study) शुरू कर दिया गया है।
Nuclear Test Race: पुतिन के आदेश पर शुरू हुआ काम
रूस की सरकारी मीडिया एजेंसियों तास और आरआईए नोवोस्ती के अनुसार, पांच नवंबर को हुई सुरक्षा परिषद की बैठक में राष्ट्रपति पुतिन ने स्पष्ट आदेश दिए थे कि यदि अमेरिका ‘व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT)’ का पालन नहीं करता, तो रूस को भी परमाणु परीक्षण की तैयारी शुरू करनी चाहिए। इस बैठक में विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों को निर्देश दिया गया था कि वे इस पर अपनी रिपोर्ट और प्रस्ताव तैयार करें। अब रूसी विदेश मंत्री ने पुष्टि की है कि इन निर्देशों पर अमल शुरू हो चुका है। (Nuclear Test Race) लावरोव ने कहा, “राष्ट्रपति के आदेश के बाद विदेश मंत्रालय ने इस पर काम शुरू कर दिया है। जब भी कोई ठोस नतीजा मिलेगा, जनता को उसकी जानकारी दी जाएगी।”
अमेरिका के बयान से बढ़ी चिंता
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि उनका प्रशासन तीन दशकों के बाद फिर से परमाणु हथियारों का परीक्षण करने की योजना बना रहा है। (Nuclear Test Race) इस बयान के बाद दुनिया के कई देशों में चिंता बढ़ गई है कि कहीं एक बार फिर शीत युद्ध जैसी स्थिति न बन जाए।
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रूस की शर्त पहले अमेरिका करे परीक्षण
पुतिन ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि रूस तभी परमाणु परीक्षण शुरू करेगा जब अमेरिका ऐसा कदम पहले उठाएगा। उन्होंने साफ कहा कि रूस पहला कदम नहीं उठाना चाहता, लेकिन अगर अमेरिका ने समझौते की शर्तें तोड़ीं तो रूस भी पीछे नहीं रहेगा। (Nuclear Test Race) रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने यह भी बताया कि अभी तक अमेरिका की ओर से कोई औपचारिक स्पष्टीकरण नहीं मिला है कि ट्रंप के बयान का क्या मतलब था और क्या वास्तव में अमेरिका परीक्षण शुरू करने वाला है।
रूस और अमेरिका दोनों के इस रुख से वैश्विक सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दोनों देश परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करते हैं, तो इससे दूसरे देश भी उसी राह पर चल सकते हैं, जिससे दुनिया में हथियारों की नई दौड़ शुरू हो सकती है। (Nuclear Test Race) रूस और अमेरिका दोनों ही दुनिया के सबसे बड़े परमाणु ताकत वाले देश हैं। इसलिए इनके कदमों का असर पूरी दुनिया की शांति और सुरक्षा पर पड़ सकता है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति से कैसे निपटता है और क्या CTBT जैसी संधियों को दोबारा मजबूत किया जा सकेगा।
