Pakistan-Afghanistan Border Dispute: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे सीमा विवाद का असर दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर साफ़ नजर आ रहा है। 11 अक्टूबर से सीमा पूरी तरह बंद होने के बाद न केवल दोनों देशों के बीच व्यापार रुक गया है, बल्कि आम लोगों के रोजमर्रा के सामान की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं। (Pakistan-Afghanistan Border Dispute) काबुल में पाक-अफगान चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख खान जान अलोकोजाय के अनुसार, सीमा बंद होने के कारण दोनों देशों को रोजाना करीब 10 लाख डॉलर का नुकसान हो रहा है।
Pakistan-Afghanistan Border Dispute: खाने-पीने की चीज़ों की कीमतों में भारी उछाल
पाकिस्तान में इस विवाद का सबसे बड़ा असर खाने-पीने की चीज़ों पर पड़ा है। टमाटर और सेब की कीमतों में सबसे ज़्यादा उछाल देखा गया है। पहले टमाटर 120 रुपये प्रति किलो मिलते थे, लेकिन अब यह 600 रुपये प्रति किलो तक बिक रहे हैं। (Pakistan-Afghanistan Border Dispute) सेब, अंगूर और अन्य फलों की कीमतों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि इनका बड़ा हिस्सा अफगानिस्तान से आता है। खान जान अलोकोजाय ने बताया कि पहले हर दिन लगभग 500 कंटेनर सब्ज़ियां निर्यात के लिए आती थीं, लेकिन अब सीमा बंद होने की वजह से यह पूरी आपूर्ति रुक गई है।
तोरखम बॉर्डर पर 5,000 कंटेनर फंसे
तोरखम बॉर्डर पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर लगभग 5,000 कंटेनर फंसे हुए हैं। इनमें फल, सब्जियां, गेहूं, चावल, चीनी, मांस, डेयरी उत्पाद और खनिज शामिल हैं। (Pakistan-Afghanistan Border Dispute) स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इस वजह से अब बाजार में टमाटर, सेब और अंगूर जैसी चीज़ें मुश्किल से मिल रही हैं और मिल भी रही हैं तो उनकी कीमतें सामान्य से कई गुना अधिक हैं। सीमा पर हालात तब बिगड़े जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से उन आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जो कथित तौर पर पाकिस्तान में हमले कर रहे थे। पाकिस्तान का दावा है कि ये आतंकी अफगानिस्तान से ऑपरेशन कर रहे हैं, जबकि काबुल ने इस आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया। यह संघर्ष तालिबान के काबुल पर कब्ज़े के बाद से सबसे गंभीर सीमा विवाद माना जा रहा है।
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युद्धविराम के बावजूद व्यापार ठप
हालांकि, दोनों देशों के बीच हाल ही में कतर और तुर्किए की मध्यस्थता में युद्धविराम पर सहमति बनी है। इसके बावजूद व्यापार अब भी पूरी तरह बहाल नहीं हुआ है। (Pakistan-Afghanistan Border Dispute) अगली बातचीत शुक्रवार, 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में होने वाली है। इसमें सीमा खोलने और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को पुनः शुरू करने पर चर्चा की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सीमा जल्द खुलती है, तो न केवल व्यापार सुचारू होगा, बल्कि आम लोगों के लिए खाने-पीने की चीज़ों की कीमतों में भी गिरावट आएगी। फिलहाल, सीमा बंद रहने के कारण आम नागरिक महंगे दामों में बेसिक जरूरत का सामान खरीदने को मजबूर हैं।
