Pakistan India tension: पाकिस्तान और तालिबान के बीच खूनखराबा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच पाकिस्तान को अब भारत की चिंता भी सताने लगी है। इस मामले में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि उनका देश दो मोर्चों पर जंग के लिए बिल्कुल तैयार है। यानी पहला तालिबान और दूसरा भारत। हालांकि, पाकिस्तान के इस बयान के पीछे की घबराहट की कहानी कुछ और है।
Pakistan India tension: भारत को लेकर डर या बहाना?
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने अपने बयान में दावा किया कि भारत इस वक्त सीमा पर गंदी चाल चल सकता है और पाकिस्तान को इस बात की पूरी संभावना है। (Pakistan India tension) जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत सीमा पर तनाव बढ़ा सकता है, तो आसिफ ने कहा कि बिलकुल, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
असल में, यह बयान तब आया जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने 48 घंटे के अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई थी। लेकिन पाकिस्तान की तरफ से यह चिंता जताना कि भारत इस मौके का फायदा उठा सकता है, यह दिखाता है कि इस्लामाबाद अपने ही सुरक्षा तंत्र पर भरोसा खोता जा रहा है।
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दो मोर्चों पर जंग के लिए पाक तैयार
ख्वाजा आसिफ ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ मिलकर रणनीतियां तैयार की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा, “मैं उन पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं कर सकता, लेकिन हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं।” यानी अगर भारत हमला करता है तो पाकिस्तान जवाब देने के लिए तैयार और सक्षम है।
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हालांकि, रक्षा मंत्री के इस आत्मविश्वास भरे बयान के पीछे डर साफ झलकता दिखाई दे रहा है। अफगान सीमा पर तालिबान से पहले ही पाकिस्तान करारी हार झेल रहा है। (Pakistan India tension) पिछले हफ्ते तालिबान लड़ाकों ने पाकिस्तान के कई ठिकानों पर कब्जा कर लिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दर्जनों पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, कई बख्तरबंद वाहन और टैंक तालिबान के हाथ लगे।
तालिबान पर गुस्सा, लेकिन जिम्मेदार कौन?
आसिफ ने अफगान नागरिकों पर भी पाकिस्तान में आतंक फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अफगानियों को अब पाकिस्तान छोड़ देना चाहिए क्योंकि उन्होंने देश में शांति नष्ट कर दी है। (Pakistan India tension) यही नहीं, उन्होंने अफगान तालिबान को “अकृतज्ञ” बताया और कहा कि “पिछले 50 सालों में अफगानिस्तान के सभी शासकों ने पाकिस्तान में शरण ली, लेकिन किसी ने मदद का एहसान नहीं माना।”
यह बयान पाकिस्तान के भीतर फैल रही गुस्से और निराशा की झलक देता है। (Pakistan India tension) तालिबान, जिसे कभी पाकिस्तान ने रणनीतिक गहराई के नाम पर पाला-पोसा, अब उसी पर भारी पड़ रहा है।
पाकिस्तान के लिए दोहरी मुश्किल
अफगान सीमा पर तालिबान से हार और अंदरूनी आतंकवादी घटनाओं में इजाफा… इन दोनों ने पाकिस्तान की नींव हिला दी है। ऐसे में भारत का डर जताना कहीं न कहीं राजनीतिक ढाल जैसा दिखता है, ताकि जनता का ध्यान असली समस्या से हटाया जा सके।