
G7 targets India: क्या दुनिया में अब रूस से तेल खरीदना भारी पड़ने वाला है? जी हाँ! सात देशों के समूह (G7) ने एक बड़ा ऐक्शन लेने की तैयारी कर ली है। खबर है कि यह शक्तिशाली समूह उन देशों को निशाना बनाने की योजना बना रहा है, जिन्होंने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से रूस से तेल की खरीद को लगातार बढ़ाया है। इस घोषणा ने भू-राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, क्योंकि रूसी तेल के सबसे बड़े खरीददारों में भारत और चीन शामिल हैं। (G7 targets India) भारत पहले ही इस बात को स्पष्ट कर चुका है कि उसे अमेरिका और यूरोपीय संघ की तरफ से निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन G7 के इस साझा कदम से दबाव काफी बढ़ सकता है।
G7 targets India: यूक्रेन के लिए रूस का राजस्व घटाने की तैयारी
G7 देशों ने बुधवार को साफ कहा कि रूस पर दबाव बनाने के लिए वे साझा कदम उठाएंगे। समूह के वित्त मंत्रियों ने एक बैठक के दौरान कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण के कारण रूस के राजस्व को कम करने की कोशिशें जारी हैं। बैठक में टैरिफ, इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट बैन जैसे व्यापार संबंधी उपायों पर भी लंबी चर्चा हुई। (G7 targets India) समूह के साझा बयान के अनुसार, “हम उन (देशों) को निशाना बनाएंगे, जो यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से रूसी तेल खरीद को बढ़ाना जारी रखे हुए हैं।” इसका सीधा मतलब है कि अब उन देशों को आर्थिक प्रतिबंधों या शुल्क (टैरिफ) का सामना करना पड़ सकता है, जो रूस के युद्ध मशीनरी को धन मुहैया करा रहे हैं।
ट्रंप की पहल पर शुरू हुआ ‘टैरिफ वार’
इस पूरे मामले की शुरुआत सितंबर में हुई थी, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने G7 देशों से रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर शुल्क (टैरिफ) लगाने का अनुरोध किया था। अमेरिका ने जोर देकर कहा था कि केवल एक एकीकृत प्रयास से ही मॉस्को की युद्ध मशीन को धन मुहैया कराने वाले स्रोत को बंद किया जा सकता है, जिससे रूस पर अपनी ‘बेवकूफी भरी हत्या’ को रोकने के लिए पर्याप्त दबाव बने। (G7 targets India) G7 दुनिया के समृद्ध और औद्योगिक देशों का एक अंतर-सरकारी समूह है, जिसमें अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन शामिल हैं। कनाडा इस वर्ष G7 की अध्यक्षता का प्रमुख है।
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भारत पर 50% टैरिफ, चीन को मिली राहत?
रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका ने भारत पर कड़ा रुख दिखाया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। पहले उन्होंने 25 फीसदी शुल्क का ऐलान किया और रूसी तेल की खरीद को लेकर जुर्माना भी लगाया था। बाद में उन्होंने अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ की घोषणा कर दी। (G7 targets India) वह व्यक्तिगत रूप से भी रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत पर निशाना साध चुके हैं। हालांकि, चीन के मामले में यह आंकड़ा थोड़ा कम, 30 प्रतिशत पर है। G7 का यह ताजा कदम दिखाता है कि आने वाले समय में रूस-भारत के व्यापारिक संबंधों पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव और बढ़ने वाला है। भारत के सामने अब यह चुनौती होगी कि वह अपनी ऊर्जा सुरक्षा को कैसे बनाए रखे और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक कार्रवाई से खुद को कैसे बचाए।