
Israel Secret Missile Strike: जून में ईरान और इजरायल के बीच चले 12 दिवसीय संघर्ष के बाद अब कुछ ऐसे चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं जो मध्य पूर्व में तनाव की आग को और हवा दे सकते हैं। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने 15 जून को ईरानी नेतृत्व को एक ही हमले में निशाना बनाने की कोशिश की थी। (Israel Secret Missile Strike) सूत्रों के अनुसार, इजरायली मिसाइलों का निशाना तेहरान में आयोजित ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की एक गुप्त बैठक थी, जिसमें राष्ट्रपति मसूद पेसेश्कियन, संसद अध्यक्ष और देश के चीफ जस्टिस मौजूद थे। हमले में राष्ट्रपति के पैर में हल्की चोट आई, जबकि अन्य शीर्ष अधिकारी आपातकालीन रास्तों से सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे।
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Israel Secret Missile Strike: साजिश का तरीका और सवालों के घेरे में सुरक्षा
फार्स न्यूज एजेंसी के अनुसार, इजरायली हमले में छह मिसाइलों या बमों का इस्तेमाल हुआ और हमलावरों ने बैठक हॉल की सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स को ब्लॉक करने का प्रयास किया। (Israel Secret Missile Strike) हालांकि सुरक्षा सुरंगों के जरिये अधिकारी जान बचाने में कामयाब रहे। इस हमले को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि इजरायल को इतनी संवेदनशील और गोपनीय बैठक की जानकारी आखिर कैसे मिली? क्या ईरानी सत्ता के गलियारों में कोई जासूस है जो इजरायल को खुफिया सूचनाएं दे रहा है? ईरान की इंटेलिजेंस एजेंसियों ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है। एक अमेरिकी पत्रकार टकर कार्लसन को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति पेसेश्कियन ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा, उन्होंने कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके। इस पूरे घटनाक्रम पर इजरायल की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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इजरायल का F-15 जेट भी हुआ था फेल
इस बीच एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसी ऑपरेशन के दौरान इजरायल का एक F-15 फाइटर जेट तकनीकी खराबी के चलते ईरान की सीमा में फंस गया था। (Israel Secret Missile Strike) जैसे ही विमान ईरानी सीमा में दाखिल हुआ, उसके फ्यूल टैंक में खराबी आ गई, जिससे वह जमीन पर उतरने की स्थिति में पहुंच गया था। इजरायली चैनल 12 की रिपोर्ट के मुताबिक, पायलट ने तुरंत स्थिति की सूचना दी और मिशन कंट्रोल से मदद मांगी। उस वक्त कोई रीफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट पास में नहीं था, लिहाजा इमरजेंसी प्लान के तहत एक वैकल्पिक टैंकर रवाना किया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यदि मदद समय पर नहीं पहुंचती, तो पायलट को किसी पड़ोसी देश में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ सकती थी। (Israel Secret Missile Strike) हालांकि, सौभाग्य से टैंकर समय पर पहुंच गया और मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। जान-माल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है। इन घटनाओं ने यह संकेत जरूर दे दिए हैं कि युद्ध भले ही थमा हो, लेकिन इसके असर और साजिशें अब भी जारी हैं।