
PM Modi Ghana visit: लंबे समय बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने जिस तरह अफ्रीका की धरती पर कदम रखा, वैसी गूंज शायद दशकों तक याद रखी जाएगी। कोटोका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विमान उतरा, घाना की फिज़ाओं में भारत का नाम गूंज उठा। (PM Modi Ghana visit) ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते लोग, पारंपरिक परिधानों में सजे अफ्रीकी नागरिक, ‘मोदी-मोदी’ के नारों से गूंजता माहौल — यह नज़ारा सिर्फ स्वागत नहीं था, यह भारत और अफ्रीका के रिश्तों की नई कहानी की शुरुआत थी।
PM Modi Ghana visit: इतिहास में दर्ज हुआ ये क्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाना की यात्रा पर आने वाले 30 वर्षों में पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। यह महज़ एक राजनयिक यात्रा नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक अध्याय है जो भारत-अफ्रीका संबंधों में नई ऊर्जा भरने जा रहा है। घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने स्वयं एयरपोर्ट पर पहुंचकर मोदी का स्वागत कर इतिहास रच दिया। (PM Modi Ghana visit) उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, और 21 तोपों की सलामी के साथ अफ्रीकी धरती ने भारत के इस सपूत को सलामी दी। यह सब कुछ सिर्फ परंपरागत शिष्टाचार नहीं था, बल्कि इसमें छिपा था वो विश्वास, जो घाना भारत के साथ साझा करना चाहता है — आर्थिक, सामरिक, कूटनीतिक और सांस्कृतिक साझेदारी का विश्वास।
‘साथी लोकतंत्रों’ का मिलन
प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा में घाना की संसद को भी संबोधित करेंगे। उन्होंने इसे “साथी लोकतंत्रों के बीच संवाद का एक गौरवशाली क्षण” बताया। घाना, अफ्रीकी संघ और पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय (ECOWAS) का सक्रिय सदस्य है और भारत की ‘वैश्विक दक्षिण नीति’ का अहम स्तंभ भी। मोदी के मुताबिक, यह संबोधन केवल भाषण नहीं, बल्कि दोनों देशों के लोकतांत्रिक आदर्शों और साझा मूल्यों का उत्सव होगा।
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विकास, निवेश और सुरक्षा पर बड़े समझौते तय
विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, पीएम मोदी और घाना के राष्ट्रपति महामा के बीच बातचीत का मुख्य फोकस निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, क्षमता निर्माण और विकास सहयोग पर होगा। (PM Modi Ghana visit) इससे पहले भारत ने घाना में स्वास्थ्य सेवाओं, डिजिटल प्रशिक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अब यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के रूप में नए स्तर पर ले जाने वाली है। घाना अफ्रीका में भारत का प्रवेश द्वार बन सकता है, और इस बार भारत भी पीछे हटने को तैयार नहीं। भारतीय कंपनियों को घाना में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और घाना की सरकार भी भारत से रक्षा सहयोग के विस्तार के लिए गंभीर है।
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भारत की ‘अफ्रीका नीति’ पिछले कुछ वर्षों से बेहद सक्रिय रही है, लेकिन इस यात्रा ने इसे नई रफ्तार दे दी है। (PM Modi Ghana visit) नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की सबसे बड़ी विशेषता रही है — ‘अविकसित और उपेक्षित देशों को साझेदारी के केंद्र में लाना’, और अफ्रीका में यह रणनीति पूरे दमखम के साथ दिख रही है। भारत अब सिर्फ एक ट्रेड पार्टनर नहीं, बल्कि अफ्रीका की तकनीकी, स्वास्थ्य और सुरक्षा ज़रूरतों का स्थायी समाधानकर्ता बनना चाहता है।
पांच देशों की यात्रा में सबसे अहम पड़ाव
2 जुलाई से शुरू हुई पीएम मोदी की बहुचर्चित पांच देशों की यात्रा में घाना पहला पड़ाव है, लेकिन इसे सबसे खास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि यह अफ्रीका के साथ जुड़ने की भारत की ऐतिहासिक कोशिश है। इसके बाद प्रधानमंत्री त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया जाएंगे। इस यात्रा का उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना है, जहां भारत को एक स्थायी लीडर के रूप में देखा जा रहा है। (PM Modi Ghana visit) त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतवंशी समुदाय की बड़ी आबादी है, और मोदी वहाँ उनके बीच जाकर भारतीय संस्कृति और विरासत का झंडा ऊंचा करेंगे। अर्जेंटीना और ब्राज़ील में वे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेकर वैश्विक मंचों पर भारत की आवाज़ को और बुलंद करेंगे। वहीं नामीबिया में भारत की सामरिक मौजूदगी और अफ्रीका के साथ रक्षा सहयोग को मजबूती देने की रणनीति बनाई जाएगी।
आज जब दुनिया बदल रही है और वैश्विक समीकरण नए रूप ले रहे हैं, ऐसे समय में मोदी की यह यात्रा यह संदेश देती है कि भारत अब सिर्फ एक “डिवेलपिंग नेशन” नहीं, बल्कि ग्लोबल लीडर बनने की दिशा में बढ़ रहा है। घाना में हुए भव्य स्वागत ने यह दिखा दिया कि भारत को अब सम्मान की नज़रों से देखा जाता है, न कि सिर्फ एक बाजार के रूप में। (PM Modi Ghana visit) यह यात्रा उस भारत की तस्वीर पेश करती है जो आत्मनिर्भर है, लेकिन साथ ही दूसरों को भी सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। जो सिर्फ आर्थिक लाभ नहीं, बल्कि मानवीय साझेदारी में यकीन रखता है।
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एक नई शुरुआत की दस्तक
घाना की धरती से शुरू हुई यह यात्रा, शायद आने वाले वर्षों में भारत की विदेश नीति की सबसे यादगार यात्राओं में गिनी जाएगी। (PM Modi Ghana visit) कोटोका हवाई अड्डे पर बजी तालियों की गूंज, तोपों की सलामी और मोदी के चेहरे की आत्मविश्वास भरी मुस्कान — ये सब भारत की बदलती छवि का प्रतीक हैं। अब जब प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के अगले पड़ाव की ओर बढ़ रहे हैं, भारतवासी गर्व से कह सकते हैं — भारत अब सिर्फ सुनता नहीं, अब दुनिया भारत की सुन रही है।