Pakistan News: पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में जनता के भारी विरोध और बंद के बाद सरकार ने विवादास्पद अध्यादेश वापस ले लिया। अध्यादेश के जरिये सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों से पहले सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया था।
प्रेसिडेंट बैरिस्टर सुल्तान महमूद ने अध्यादेश वापस लेने की घोषणा की। (Pakistan News) इसे लेकर एक लिखित समझौता भी हुआ है। इसके तहत प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सभी मामले वापस लिए जाएंगे और 13 मई की गोलीबारी की घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा। सरकार के फैसले के बाद एक प्रदर्शनकारी ने कहा, जनता के विरोध ने सरकार व नौकरशाहों को करारा जवाब दिया है। (Pakistan News) उसने साबित किया है कि पीओजेके का अपना कानून और प्रणाली है। पीओजेके के प्रधानमंत्री अनवर उल हक ने कहा कि अध्यादेश में प्रदर्शनों से पहले सरकार की अनुमति लेने का प्रावधान सुरक्षा चिंताओं को लेकर किया गया था।
Pakistan News: बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं पीओजेके के नागरिक
मालूम हो कि पाकिस्तान सरकार लंबे समय से पीओजेके के लोगों का दमन कर रही है। यहां उनके अधिकारों, बुनियादी जरूरतों और आकांक्षाओं को लगातार नजरअंदाज किया जाता रहा है। (Pakistan News) इस क्षेत्र के लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों, सामाजिक असहमति को लेकर चिंताओं का सामना करना पड़ रहा है। हाल के वर्षों में सरकार या सत्तारूढ़ अधिकारियों की आलोचना करने वाले व्यक्तियों, मीडिया प्रतिष्ठानों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को उत्पीड़न, धमकी और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।